



इस्लामाबाद (वीकैंड रिपोर्ट): पाकिस्तान में महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है। इससे निजात देने के लिए वहां की इमरान खान सरकार भी लोगों की मदद नहीं कर रही है। इमरान सरकार और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का भी महंगाई को बढ़ाने में काफी योगदान दिख रहा है, जिससे मुल्क की अवाम को आगे चलकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। डॉलर ने भी नया स्तर छू लिया है। डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान की कैबिनेट ने बुधवार को गैस के दाम में 191 फीसदी बढ़ोतरी करने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही बिजली की कीमतों में इजाफा करने की मंजूरी दे दी है। यह नई कीमतें एक जुलाई से लागू होंगी। कैबिनेट ने बिजली की कीमतो में 1.494 प्रति यूनिट का इजाफा करने की मंजूरी दे दी। सरकार को आईएमएफ के साथ हुए समझौते के फलस्वरूप ऐसा किया है। इससे लोगों को बिजली भी महंगी हो जाएगी। गुरुवार को अमेरिकी डॉलर की 163 पाकिस्तानी रुपये के पार चला गई। मई 2018 में जहां यह 121 रुपये के स्तर पर था, वहीं अब तक इसमें 35 फीसदी की गिरावट आ गई है। फॉरेक्स मार्केट पर नजर रखने वाले एक बैंकर ने बताया कि सेंट्रल बैंक अभी भी किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहा है, जिससे आने वाले दिनों में और मुश्किल हालात से गुजरना पड़ सकता है। पाकिस्तान की जनता में महंगाई को लेकर काफी रोश है। पाकिस्तान में मार्च 2019 के दौरान महंगाई की दर पांच वर्ष के उच्चतम स्तर 9.41 फीसदी पर पहुंच गई थी। महंगाई का यह स्तर अप्रैल 2014 के बाद का सर्वाधिक है। उस समय महंगाई 9.2 फीसदी आंकी गई थी। मार्च महीने में ही महंगाई एक माह पहले की तुलना में 1.42 फीसदी बढ़ गई थी।]]>
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