नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोनावायरस से खौफ के बीच आयुष मंत्रालय ने शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश खाने, योग करने, हर्बल चाय-काढ़ा और गर्म पानी पीने की सलाह दी है। मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 के चलते दुनियाभर में सभी लोग प्रभावित हैं। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को मजबूत करना अहम भूमिका निभाता है।
आयुष मंत्रालय की 4 सलाह
- कुछ सामान्य उपायों बताते हुए मंत्रालय ने दिनभर गर्म पानी पीने, हर दिन कम से कम 30 मिनट योग अभ्यास, प्राणायाम करने और ध्यान लगाने की सलाह दी है। एडवाइजरी के मुताबिक, भोजन पकाने के दौरान हल्दी, जीरा और धनिया जैसे मसालों का इस्तेमाल करें।
- शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत करने के लिए सुबह 10 ग्राम यानी एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं। मधुमेह रोगी बिना शक्कर वाला च्यवनप्राश ले सकते हैं। सुबह और शाम दोनों नथुने में तिल या नारियल का तेल या घी लगाने जैसे आयुर्वेदिक उपाय भी सुझाए हैं।
- एडवाइजरी में ने दिन में एक या दो बार हर्बल चाय पीने या तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और किशमिश का काढ़ा पीने को कहा गया है। 150 मिलीलीटर गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर ले सकते हैं।
- सूखी खांसी या गले में सूजन से आराम पाने के लिए दिन में एक बार पुदीने की ताजा पत्ती या अजवाइन के साथ भांप लें। खांसी या गले में खराश के लिए दिन में दो-तीन बार शहद के साथ लौंग का पाउडर ले सकते हैं। मंत्रालय के मुताबिक, इन उपायों से सामान्य सूखी खांसी या गले में सूजन कम होती है। अगर लक्षण फिर भी बने रहते हैं तो डॉक्टरी सलाह लेना बेहतर है।
च्यवनप्राश का जिक्र च्यवन संहिता में है जिसको च्यवन ऋषि ने रचा था।
संक्रमण की स्थिति बने ही न इसके लिए च्यवनप्राश खाएं
आयुर्वेद और नेचुरोपैथ विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता के मुताबिक, इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए रोजाना गाय के दूध के साथ च्यवनप्राश खाने की सलाह दी जाती है। या आंवला, एलोवेरा या फिर वीटग्रास का जूस पीना फायदेमंद साबित होता है। आयुर्वेद के मुताबिक, च्यवनप्राश का जिक्र च्यवन संहिता में है जिसको च्यवन ऋषि ने रचा था। यह सेहत को सुरक्षाकवच देता है। यह वात-पित्त-कफ के दोष को दूर करता है। च्यवनप्राश तैयार करने में कई तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होता है जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के साथ, याद्दाश्त तेज करने और तनाव को दूर करने का भी काम करती हैं।
इम्युनिटी बढ़ाकर बचाव करना आसान है
आयुर्वेद में कोरोना नामक किसी बीमारी का उल्लेख नहीं है। लेकिन संक्रमण और लक्षणों की समानता के आधार पर इस चिकित्सा पद्धति में इसकी तुलना वात-श्लैष्मिक ज्वर से की जा सकती है। आयुर्वेद में किसी भी रोग के उपचार से ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उसके बचाव पर जोर दिया गया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सीआर यादव बता रहे हैं वायरस से बचाव के तरीके…
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के 5 आसान उपाय
तुलसी के 20 पत्ते अच्छी तरह से साफ करके उन्हें एक गिलास पानी में उबालकर छान लें। अब इस पानी में एक चम्मच पीसा हुआ अदरक और एक चौथाई दालचीनी चूर्ण डालकर पानी आधा रहने तक उबालें। गुनगुना करके उसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाय की तरह दिन में दो-तीन बार लें। जब भी लेना हो, इसे ताजा ही बनाएं।
- तुलसी के 20 पत्ते, अदरक का एक छोटा टुकड़ा और 5 कालीमिर्च को चाय में डालकर उबालें और उस चाय का सेवन करें। इसका सेवन सुबह और शाम के समय किया जा सकता है। दो चाय के बीच 10 से 12 घंटे का गैप दें।
- रोजाना नहाने के बाद नाक में सरसों या तिल के तेल की एक-एक बूंद डालें। अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान पर जा रहे हैं तो घर से निकलने के पहले भी ऐसा ही करें।
- कपूर, इलायची और जावित्री का मिश्रण बना लें और इसे रुमाल में रखकर समय-समय पर सूंघते रहें।
- लौंग और बहेड़े को देसी घी में भूनकर रख लें। इन्हें समय-समय पर मुंह में रखकर चूसते रहें।
क्या करें, क्या न करें?
- हमेशा गुनगुने पानी और ताजे भोजन का ही सेवन करें।
- भोजन में मूंग, मसूर, मोठ आदि हल्की दालों का प्रयोग करें।
- मौसमी और ताजा फल व सब्जियों का उपयोग करें।
- भोजन में अदरक, कालीमिर्च, तुलसी, इलायची, शहद आदि का नियमित उपयोग करें।
- ठंड से बचाव करें, मौसम के अनुसार आवश्यक कपड़े पहनें ।
- आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक्स, ठंडे पानी व ठंडे जूस का सेवन न करें।
- अधिक चिकनाई या तले हुए भोजन का उपयोग भी कम से कम करें। कच्चे व अधपके मांसाहार से बचना चाहिए।
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