नई दिल्लीः कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में काफी हाहाकार मचाया है और अभी भी हम इस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं. इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट ने चेतावनी दी है कोरोना महामारी की अभी कई लहर आ सकती हैं. WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना की आगामी लहर को देखते हुए कहा है कि भारत के लिए अगले 6-18 महीने बेहद अहम होंगे.
भारत को लेकर कही ये अहम बात
सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में पाया गया कोरोना वायरस का B 1167 वैरिएंट काफी संक्रामक है और यह ब्रिटेन में पाए गए B 117 वैरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए भारत को अगले 6-18 महीने सावधान रहना होगा और अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करना होगा. WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत को अपने वैक्सीनेशन प्रोग्राम की गति भी तेज करनी होगी, तभी भारत के लोग महामारी की आगामी लहरों से बच पाएंगे.
कोरोना वायरस में म्यूटेशन के चलते बदलाव आता है और यही बदलाव कई बार इस वायरस को काफी संक्रामक बना देता है. कोरोना की दूसरी लहर में इसके वैरिएंट बी 1167 एक बड़ी वजह रहा. इसके संक्रमण से मरीजों में सांस लेने में दिक्कत, शरीर में ऑक्सीजन की कमी जैसी परेशानियां हुई. इसी के चलते देश में ऑक्सीजन की कमी हुई और बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में भर्ती हुए. जिससे बेड की कमी भी देखने को मिली.
WHO ने इस बात से देशवासियों को राहत दी है कि भारत में लगाई जा रहीं कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सिन और कोविशील्ड कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी हैं. ऐसे में अगर देश में कोरोना वैक्सीनेशन के काम में तेजी आ जाए तो हम कोरोना की आगामी लहरों से बच सकते हैं.
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