नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): 17वीं लोकसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार को प्रोटेम स्पीकर चुना गया है। इससे पहले लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के लिए बरेली से सांसद संतोष गंगवार और सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी के नाम सामने आए थे। हालांकि बीजेपी नेतृत्व ने दोनों नाम खारिज कर दिए थे। बचपन से ही आरएसएस से जुड़े वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से छह बार से लोकसभा सदस्य और भाजपा का दलित चेहरा हैं। वीरेंद्र कुमार अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं और अक्सर शहर में कहीं भी आने जाने के लिए लिफ्ट लेते देखे जाते हैं। उनके करीबी सहयोगी ने बताया था, जब वीरेंद्र दिल्ली आते हैं, तो वह किसी भी आम आदमी की तरह स्टेशन पर उतरते हैं और अपने घर तक पहुंचने के लिए ऑटो-रिक्शा लेते हैं। 27 फरवरी, 1954 को जन्मे वीरेंद्र कुमार 1996 में सागर से 11वीं लोकसभा में पहली बार सांसद बने। तब से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2004 तक सागर से जीते। परिसीमन के बाद उन्होंने 2009 और 2014 में टीकमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीता। छह चुनाव सिर्फ तीन साल के अंतराल में हुए थे 1996, 1998 और 1999। प्रतिष्ठित डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर से अर्थशास्त्र में एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी वीरेंद्र कुमार ने अपना करियर आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था। उन्होंने 1975 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण द्वारा शुरू किए गए आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था। प्रोटेम स्पीकर, चुनाव के बाद पहले सत्र में स्थायी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के चुने जाने तक संसद का कामकाज स्पीकर के तौर पर चलाता है यानी संसद का संचालन करता है। सीधे कहें तो यह कामचलाऊ और अस्थायी स्पीकर होता है। बेहद कम वक्त के लिए इन्हें चुना जाता है।]]>
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