
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) – Maha Ashtami : कल शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन है। यह दिन महा अष्टमी मां दुर्गा की उपासना के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस बार, यह शुभ तिथि वर्षों बाद एक महा-शुभ संयोग लेकर आ रही है, जो भक्तों के लिए सुख और सौभाग्य के द्वार खोल देगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 सितंबर को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगा। महा अष्टमी का व्रत 30 सितंबर को रखा जाएगा। 30 सितंबर को संधि पूजा संध्याकाल में 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 30 मिनट तक है।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस अष्टमी तिथि पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। देर रात 01:03 बजे तक शोभन योग का प्रभाव रहेगा, जो पूजा और आराधना के लिए विशेष फलदायी है। इसके अलावा संध्याकाल में 06:06 बजे से शिववास योग बन रहा है। इन शुभ योगों में देवी मां जगदंबा की पूजा करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। यह समय आध्यात्मिक ऊर्जा और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है।
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