जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Dhann Mohalla Hooliganism Case : थाना नंबर 3 के अंतर्गत आते खिंगरा गेट में 15 मई को गुंडागर्दी के नंगे नाच के मामले में आरोपी मनीष राजपूत व उसके साथियों की गिरफ्तारी न होने का मामला पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल के दरबार में पहुंच गया है। रुद्र सेना संगठन के चेयरमैन मोहित शर्मा की अगुवाई में संगठन सदस्यों ने शिकायतकर्ता मोहित अरोड़ा को साथ शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर यह मांग की आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। वहीं, पुलिस कमिश्नर ने सारी बात सुनने के बाद आदेश दिया है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। इस बारे में मोहित अरोड़ा ने बताया कि एफआईआर दर्ज हुए 40 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए और विभिन्न धाराओं में नामजद आरोपी खुलेआम इलाके में घूम रहे है। अगर समाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधि सुरक्षित नही है ऐसे में आम जनता में खुद की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं क्योंकि जनता को तो पुलिस से ही आस है। पुलिस कमिश्नर ने संंबंधित थाने के एसएचओ को आदेश दिया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले में अगली कार्रवाई अमल में लाई जाए।
मनीष राजपूत जोकि फैन भगत सिंह दा नामक संगठन चलाता है, जिसने अपनी राजनीतिक पहुंच से पुलिस को भी पिछले 40 दिनों से मूकदर्शक बना रखा है। इसी छत्रछाया के बीच वह सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें अपलोड करता है। इससे स्पष्ट है कि वह शहर में गन कल्चर को प्रमोट करता है। मोहित शर्मा ने कहा कि गन कल्चर को प्रमोट करने वालों के खिलाफ पंजाब की मान सरकार ने पंजाब पुलिस को सख्त निर्देश दे रखे है इसलिए प्रशासन को फैन भगत सिंह दा वाले मनीष राजपूत पर भी ठोस कार्रवाई करते हुए उसका हथियार का लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए। बंदूकें उठाए और बाहुबल का प्रदर्शन करना मनीष जैसे लोगों के लिए आम बात है क्योंकि ऐसा करके ये युवाओं को उनके राह से भटकाते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ रुद्र सेना संगठन पुलिस प्रशासन से मांग करता है कि सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
Dhann Mohalla Hooliganism Case : एक एमएलए का आशीर्वाद है राजपूत पर
रुद्र सेना संगठन ने पुलिस कमिश्नर को जो मांग पत्र दिया है उसमें साफ लिखा है कि एक एमएलए का मनीष राजपूत पर हाथ है और उसी के कारण मनीष की गुंडागर्दी बढ़ती जा रही है। संगठन के प्रधान दिनेश कुमार व मोहित अरोड़ा ने कहा कि इस मामले में जो संगीन धाराएं दर्ज हैं आरोपी उन धाराओं को हटाकर फिर से उन पर हमला करने की फिराक में है। इसलिए इसकी गिरफ्तारी बहुत जरूरी है नहीं तो फिर से कोई बड़ी घटना घटित हो सकती है। दरअसल रुद्र सेना संगठन एक सामाजिक कल्याण से जुड़े कार्य करने वाला संगठन है। इसलिए संगठन के सदस्यों को रात दिन शहर में घूमना पड़ता है अगर किसी सदस्य पर दोबारा से हमला हो गया तो ये सीधा सीधा कानून व्यवस्था से खिलवाड़ ही माना जाएगा। संगठन के प्रशासन प्रमुख कुणाल अग्गरवाल, एडवोकेट विकास भारद्वाज, करन गंडोत्रा सहित रुद्रसेना के साथी मौजूद रहे।
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