अमृतसर (वीकैंड रिपोर्ट) : SGPC Protests in Delhi : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कुछ कॉलेजों में दाखिले के समय सिख अल्पसंख्यक छात्रों को दिल्ली कमेटी के बजाय दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग और कुछ सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्रों के मुद्दे पर कड़ी आवाज उठाई है। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में एसजीपीसी महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने तार्किक रूप से इस अधिकार को केवल सिख संगठनों के पास ही बनाए रखने की वकालत की है।
ग्रेवाल ने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग द्वारा दिल्ली के शैक्षणिक संस्थानों द्वारा सिख अल्पसंख्यक कोटे के तहत प्रवेश के लिए प्रमाण पत्र जारी किये जाने के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने मीटिंग बुलाई। इस बैठक में शिरोमणि कमेटी की ओर से वह स्वयं और दिल्ली कमेटी की ओर से एडवोकेट कुलबीर सिंह और जसविंदर सिंह जॉली, सदस्य, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग अजितपाल सिंह बिंद्रा और कुछ अधिकारी शामिल हुए।
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SGPC Protests in Delhi : इस बैठक में शिरोमणि समिति ने दिल्ली क्षेत्र के भीतर सिख अल्पसंख्यक की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के अधिकार को बनाए रखने के लिए दिल्ली गुरुद्वारा समिति का स्पष्ट रूप से समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है, क्योंकि सिख पहचान के कई पहलू हैं, जिनकी जांच सिख इतिहास, सिख परंपराओं और नैतिकता के आलोक में ही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर सिख मानसिकता से रहित कोई गैर सिख यह प्रमाणपत्र जारी करेगा तो भविष्य में बड़े विवाद खड़े हो सकते हैं।
ग्रेवाल ने कहा कि अल्पसंख्यकों से संबंधित कोई भी आयोग उनके मामलों को सरल बनाने के लिए ही क्रियाशील हो सकता है, न कि सिखों की प्रामाणिकता की जांच करने की शक्तियां आयोग को दी जा सकती हैं। इन सबको देखते हुए शिरोमणि कमेटी इस अधिकार को सिख संस्थाओं के पास ही रखने का समर्थन करती है और किसी भी कीमत पर ऐसा अधिकार सरकारी अधिकारियों या गैर-सिख संस्थाओं के पास नहीं जाना चाहिए।
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