नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : Same Sex Marriage : सेम सेक्स मैरिज यानी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज चार अलग-अलग फैसले आए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि समान लिंग वाले जोड़ों के लिए विवाह को मौलिक आधार के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अदालतें कानून नहीं बनातीं, लेकिन उसकी व्याख्या कर सकती हैं और उसे लागू कर सकती हैं। केंद्र और राज्य सरकारें भेदभाव खत्म करें। यह नेचुरल है, उन्हें संरक्षण प्रदान करें।
Same Sex Marriage : डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये कहना सही नहीं होगा कि सेम सेक्स सिर्फ अर्बन तक ही सीमित नहीं है। ऐसा नहीं है कि ये केवल अर्बन एलीट तक सीमित है। यह कोई अंग्रेजी बोलने वाले सफेदपोश आदमी नहीं है, जो समलैंगिक होने का दावा कर सकते हैं। बल्कि गांव में कृषि कार्य में लगी एक महिला भी समलैंगिक होने का दावा कर सकती है। शहरों में रहने वाले सभी लोगों को कुलीन नहीं कहा जा सकता। समलैंगिकता मानसिक बीमारी नहीं है।
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