How to find out who is a true friend
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सही मायने में दोस्त ही हमारे आलोचक और प्रशंसक होते हैं।
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कमियां गिनवाने वालें लोगों को ना कहें अपना सच्चा दोस्त
वीकैंड रिपोर्ट लाइफस्टाइल : हमारे जीवन में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनसे बातें करते वक़्त हमें किसी प्रकार के दिखावे की ज़रूरत नहीं होती। बस जो दिल में आता है वो कह देते हैं। ये लोग और कोई नहीं बल्कि हमारे दोस्त होते हैं। लेकिन कई बार हमारे द्वारा बनाए गए दोस्त हमें भी अपना दोस्त समझें, ऐसा नहीं होता है। हमारा असल दोस्त कौन है ये जानना कई बार मुश्किल होता है। लेकिन कुछ आदतों के ज़रिए पता लगाया जा सकता है कि आपका सच्चा मित्र कौन है।
मज़ाक उड़ाना
दोस्ती में मज़ाक-मस्ती होना आम बात है। लेकिन जब ये मज़ाक बाहरी लोगों के सामने होे तो बुरा लगना लाज़मी है। आपका सच्चा दोस्त आपका मज़ाक तो उड़ाएगा पर इस बात का ख़्याल भी रखेगा कि कोई बाहरी व्यक्ति तो साथ नहीं है। यदि भूलवश अनजान लोगों के सामने ऐसा कर बैठे तो वो इसके लिए क्षमा मांगने में ज़रा भी संकोच नहीं करेगा/करेगी।
कमी उजागर करना
दोस्त एक-दूसरे की कमिया भलीभांति जानते हैं। लेकिन उन्हें उजागर करने में दिलचस्पी लेने के बजाय वे उन्हें दूर करने में साथ देते हैं। जबकि नकली दोस्त या कहें कि नाम के लिए दोस्त बने लोग सामने वाले की कमियों को उजागर करने के साथ ही उन्हें शर्मिंदा भी करते हैं।
अपना राग अलापना
ऐेसे लोग सामने वाले की बात सुनने के बजाय अपनी कहना अधिक पसंद करते हैं। यदि कोई इन्हें दोस्त समझकर अपनी समस्या साझा कर रहा है तो ये उनकी बात में रुचि नहीं लेते, लेकिन अपनी बात कहने के लिए ये किसी की बात काटने से भी नहीं चूकते। लेकिन असल मित्र आपकी समस्या सुनने में पर पूरा ध्यान देते हैं। इस भेद को समझें।
विकास में रुकावट
इस तरह के लोग आपके आगे बढ़ने पर ख़ास ख़ुश नहीं होते। ये आपके द्वारा किए अच्छे कार्य में भी कोई न कोई कमी निकाल ही देते हैं। ये आपका आत्मविश्वास भी कम कर देते हैं, जबकि सच्चे साथी ऐसा बिल्कुल नहीं करते। वे आपकी छोटी-सी सफलता पर भी ख़ुश होते हैं।
असुरक्षित महसूस करना
आपकी ज़रूरत होने पर ये आपको फोन, मैसेज करेंगे पर आपके द्वारा तुरंत जवाब न मिलने पर ये खीझ जाते हैं। आपकी किसी अन्य दोस्त से बात होने पर ये असुरक्षित महसूस करते हैं। हां, आपके द्वारा फोन या मैसेज करने पर इनका तुरंत जवाब न देना जायज़ हो सकता है। इसके साथ ही मिस्ड कॉल देखकर दोबारा कॉल करना भी ज़रूरी नहीं समझते। वहीं सच्चे मित्रों को इन सब बातों से फर्क़ नहीं पड़ता। वे आपके नए दोस्तों के साथ भी आसानी से घुलमिल जाते हैं। इसके साथ ही ये आपका फोन न उठा पाने पर बाद में फोन करते हैं या मैसेज के ज़रिए व्यस्त होने की जानकारी देते हैं।
नियंत्रण चाहते हैं
इस तरह के दोस्त आपके निजी जीवन में ज़रूरत से ज़्यादा दखल रखते हैं। आप कहां, किसके साथ जा रहे हैं इन्हें हर बात की जानकारी चाहिए। ये आपके जीवन पर पूरी तरह नियंत्रण रखना चाहते हैं। वहीं आपके असल दोस्त आपके निजता का सम्मान करते हैं। आपके परिवारिक मसलों में भी दखल देने से बचते हैं। ये आप पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं चाहते।
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