भारत (वीकैंड रिपोर्ट) : Crude Oil Price : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उत्पादन बढ़ाने के संकेत से वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर से 18 फीसदी की गिरावट आई। इस गिरावट के साथ बृहस्पतिवार को ब्रेंट क्रूड करीब 114 डॉलर और अमेरिकी बेंचमार्क डब्ल्यूटीआई (वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट) 110 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इससे कच्चे तेल 7 मार्च, 2022 को 14 साल के उच्च स्तर 139.13 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था।
भारत को मिलेगी राहत
संयुक्त अरब अमीरात के कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ाने के फैसले से भारत को ज्यादा फायदा होगा। भारत अपनी खपत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। पिछले दिनों कच्चे तेल के दाम 139 डॉलर प्रति तक जा पहुंचे थे, जिससे देश में पेट्रोल डीजल के दामों में बड़ी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद पेट्रोल डीजल के खुदरा दाम नहीं बढ़ाने के फैसले के चलते सरकारी तेल कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
Crude Oil Price : 8 लाख बैरल उत्पादन बढ़ाने की उम्मीद
जानकारों का कहना है कि यूएई तुरंत 8 लाख बैरल तेल का उत्पादन बढ़ा सकता है। इससे रूस पर लगे प्रतिबंधों से घटी आपूर्ति के सातवें हिस्से की भरपाई हो सकेगी। आने वाले समय में ईरान से भी आपूर्ति बढ़ने का अनुमान है, जिससे आगे कच्चे तेल की कीमतों के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है। उत्पादक देशों को भी आशंका है कि तेल कीमतों में उछाल से मांग पर नकारात्मक असर पड़ेगा। जानकारों ने कहा, अर्थव्यवस्थाओं में महंगे क्रूड से अगर सुस्ती आती है तो कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट आएगी। इसलिए ओपेक देश उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
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