नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. बापू का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. गांधी जी सत्य और अहिंसा के पूजारी थे. महात्मा गांधी को विश्व पटल पर अहिंसा के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है. अहिंसा आंदोलन के दम पर देश को आजादी दिलाने वाले बापू आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.
इतने पढ़े लिखे थे महात्मा गांधी
महात्मा गांधी बैरिस्टर बनना चाहते थे. वे कानून की पढ़ाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए लंदन गए थे. उन्होंने लंदन में पढ़ाई कर बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी. लेकिन जब गांधी जी भारत वापस आए, तो देश की स्थिति ने उन्हें बहुत प्रभावित किया. जिसके बाद उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और देश को आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई. गांधी जी के प्रयासों के चलते ही आज हम आजाद देश हैं.
गांधी जयंती का इतिहास
गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है, क्योंकि 2 अक्टूबर के दिन ही गांधी जी का जन्म हुआ था. गांधी जी विश्व भर में उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है. गांधी जी कहते थे कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है, जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है.
कैसे मनाई जाती है गांधी जयंती?
गांधी जयंती के दिन लोग राजघाट नई दिल्ली पर गांधी जी की प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है सभी स्कूलों और दफ्तरों में गांधी जयंती का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हालांकि, इस बार कोरोनावायरस के चलते लोग घरों में ही रहेंगे, लेकिन लोगों का उत्साह पहले की तरह ही है.
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