Mantras are like nuclear power – Navjeet Bhardwaj
जालंधर वीकैंड रिपोर्ट Religious News – मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में सम्पन्न हुआ।सर्व प्रथम ब्राह्मणो ने मुख्य यजमान प्रवीण शर्मा से विधिवत वैदिक रिति अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत हवन-यज्ञ मे आहुतियां डलवाई।
मां बगलामुखी के साधक नवजीत भारद्वाज ने सिद्ध मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में हुए दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित प्रभु भक्तों को मनुष्य के जीवन में वैदिक मंत्रों के बारे में समझाते हुए कहा कि ‘‘मंत्र बारम्बारता का विज्ञान है, जिसका प्रभाव साधक के अवचेतन मन पर पड़ता है।
वैदिक मंत्र हो या बीज मंत्र इससे सीधे मनुष्य के चक्र विशेष प्रभावित होते हैं और व्यक्ति की ऊर्जा शक्ति का जागरण व एकीकरण होता है।’’ ‘मननात् त्रयते इति मंत्र:’ अर्थात जिसके मनन, चिंतन एवं ध्यान आदि से पूरी-पूरी सुरक्षा एवं सुविधा मिले वही मंत्र है। इसका आशय यह है कि जब एक ही आदेश मन को बार-बार दिया जाता है, तो वह संदेश चेतन मन से अवचेतन मन की ओर प्रवाहित होकर अंतत: वह व्यक्तित्व का रूपांतरण करता है।’’ इस दोहराने की क्रिया को ‘ऑटोसज्जेशन’ भी कहा गया है।
‘मंत्र’ रूपी कुछ बीज अक्षरों में इतनी शक्ति है कि इसको भाव संकल्प के साथ साधक बारम्बार दोहराकर अपने सम्पूर्ण मन, मस्तिष्क और इन्द्रियों को उनके अनुरूप कार्य करने के लिए बाध्य कर देते हैं। शब्दों के बारम्बारता का प्रभाव हमारे आभामण्डल पर भी पड़ता है। मंत्र जप द्वारा जब बार-बार दोहराया जाता है, तो शब्द के माध्यम से वातावरण में दिव्य तरंगें उत्पन्न होती हैं, जो मनुष्य के अवचेतन मन में जाकर बस जाती हैं, फिर उन्हीं के अनुसार मनुष्य की आदतें, व्यक्तित्व और व्यवहार का निर्माण होता है। यही है मंत्र जप का महत्वपूर्ण पहलू।
हर मंत्र में एक अपार रहस्य समाया हुआ है। रहस्य यह कि जब ‘शब्द’ हम वाणी से प्रकट करते हैं, तो वह सर्वप्रथम ध्वनि तरंगों में परिवर्तित होता है। तत्पश्चात बार-बार उच्चारण से उसी के अनुरूप आभामण्डल तैयार होता है, जो हमारे जीवन को प्रभावित करता है।
मनु सतरूपा, भगवती पार्वती, भक्त प्रह्लाद, सुतीक्ष्ण जी, हनुमान जी, भरत जी आदि भगवान के जितने भी भक्त हुए हैं, उन्होंने भगवान की प्राप्ति के लिए किसी न किसी मंत्र का अवलंबन लिया है। मंत्र एक परमाणु शक्ति की तरह है, जो हमारे विश्वास, एकाग्रता, निष्ठा सद्संकल्प पर आधारित परम शक्ति है।
घोर तपस्या कर मंत्र शक्ति का संग्रह और उपयोग राक्षसों ने भी किया है। मंत्र वह शक्ति है, जिसका उपयोग और दुरुपयोग दोनों किया जा सकता है। अंतर केवल इतना है कि भक्त उस शक्ति का सदुपयोग भगवत्प्राप्ति और आत्मीय सुख के लिए करता है और दूषित वृत्ति युक्त राक्षस उसी मंत्र शक्ति का दुरुपयोग तमाम सांसारिक सुखों को केवल इच्छा पूर्ति और समाज को कष्ट देकर अनावश्यक अहं प्रदर्शन में करते हैं।
इस अवसर पर बलजिंदर सिंह,राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, अमरेंद्र कुमार शर्मा,रिंकू सैनी, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा,अमित शर्मा, दीपक कुमार,रवि भल्ला,मनीष महरा, भोला शर्मा, जगदीश,गौरव जोशी,अजीत कुमार,राहुल लुथरा, उदय सिंह, प्रशांत,सुभाष डोगरा,मधुर, ऋषभ कालिया, प्रिंस कुमार,कमल नैयर सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।
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