
लुधियाना (वीकैंड रिपोर्ट)- The last prayer For horse : समाज में ऐसे कई इंसान हैं जो जानवरों को अपनी संतानों की तरह प्यार करते हैं। ऐसे ही प्यार की एक मिसाल यहां देखने को मिली। यहां खासी कलां गांव के किसान चरणजीत सिंह ने आठ अक्तूबर को 38 माह की उम्र में अपने घोड़े फतेहजंग की मौत के बाद उसकी आत्मिक शांति के लिए गांव के परमेश्वर द्वार गुरुद्वारा साहिब में अंतिम अरदास करवाई। उन्होंने कार्ड छपवाकर गुरुद्वारा साहिब में एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें सभी परिचितों और रिश्तेदारों को आमंत्रित किया गया।
घोड़े की मृत्यु 8 अक्टूबर को 38 महीने की उम्र में हो गई थी। हालाँकि, जन्म से लेकर मृत्यु तक उसके साथ रहने के कारण मालिक उससे बेहद प्यार करने लगा था। चरणजीत सिंह ने बताया कि उनके दो बेटे विदेश में रहते हैं। दिन का अधिकतर वक्त वह फतेहजंग के साथ बिताते थे। उन्होंने कहा कि फतेहजंग हमारे लिए किसी बच्चे से कम नहीं था। जब कोई पूछता कि आपके कितने बच्चे हैं तो मैं गर्व से कहता था तीन। दो विदेश में और तीसरा फतेहजंग हमारे साथ इंडिया में।
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