जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का खास महत्व है. महाशिवरात्रि के दिन शिवजी की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. अगर कन्या का विवाह काफी समय न हो रहा हो या किसी भी तरह की बाधा आ रही हो तो उसे महाशिवरात्रि का व्रत करना चाहिए. इस स्थिति के लिए यह व्रत बेहद फलदायी माना गया है. इस व्रत को करने से भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है. साथ ही सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
महाशिवरात्रि व्रत का महत्व :
महाशिवरात्रि का मतलब है ‘शिव की महान रात’,. इस दिन भगवान शिव के भक्त शिवरात्रि का व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ प्रार्थना करते हैं. सारा दिन उपवास करने के बाद ही भगवान शिव के भक्त शाम को सात्विक भोजन ग्रहण कर अपना उपवास तोड़ते हैं.
शिवरात्रि के व्रत में न करें इन चीजों का सेवन :
– शिवरात्रि व्रत पर मांसाहार और भारी भोजन के सेवन से बचें.
– व्रत के भोजन में प्याज और लहसुन का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें.
– व्रत के भोजन में साधारण नमक के इस्तेमाल के बजाए सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए.
– व्रत के दौरान शराब से दूरी बनाकर रखें.
– व्रत के दौरान दिन में सोने से बचें और रात के समय में भी शिवजी का भजन करके जागरण करें
शिवरात्रि पर क्यों करते हैं उपवास ?
शिवरात्रि भारत के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है. कई लोग इस दिन उपवास भी करते हैं, ताकि वे अपनी भक्ति और ध्यान केंद्रित कर सकें. जबकि कुछ सिर्फ फलों और दूध का सेवन करते हैं, ऐसे लोग भी हैं जो ‘निर्जला’ व्रत का पालन करते हैं- जिसमें वे एक बूंद भी पानी का सेवन नहीं करते हैं, जब तक कि वे अपना व्रत नहीं खोलते. यहां तक कि जो लोग उपवास नहीं कर रहे हैं, वे हल्के शाकाहारी, या सात्विक भोजन का सेवन करते हैं, जैसे आलू की सब्जी, कुट्टू की पूरी, पकौड़े और खीर. लोग इस दिन भोजन बनाने में साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं.
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