The life of Ram devotee Hanuman ji and his teachings are a beacon of light – Navjeet Bhardwaj
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) Religious News : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान राहुल अरोडा से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित प्रभु भक्तों को हनुमान जयंती की शुभकामनाएं देते हुए राम भक्त हनुमान जी के बारे में बताते है कि हनुमान जी भारतीय संस्कृति और धर्म में एक अद्वितीय स्थान रखते हैं। रामायण के इस महान पात्र को न केवल एक शक्तिशाली योद्धा और भक्त के रूप में जाना जाता है, बल्कि वे एक ऐसे प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं जो हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं।
उनकी कहानियाँ, उनके गुण और उनका चरित्र हमें यह समझाते हैं कि जीवन की चुनौतियों का सामना कैसे करना चाहिए, अपने कर्तव्यों को कैसे निभाना चाहिए और एक संतुलित, सार्थक जीवन कैसे जीना चाहिए। हनुमान जी के जीवन से हमें जो शिक्षाएँ मिलती हैं, वे आज के आधुनिक युग में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी प्राचीन काल में थीं।
नवजीत भारद्वाज जी कहते है कि हनुमान जी का सबसे प्रमुख गुण है उनकी भगवान राम के प्रति अटूट निष्ठा और समर्पण। रामायण में हनुमान जी का हर कार्य इस बात का प्रमाण है कि वे अपने स्वामी की सेवा में पूर्णत: समर्पित थे। चाहे वह लंका में सीता-माता की खोज हो, संजीवनी बूटी लाने का कठिन कार्य हो, या रावण की सेना से युद्ध करना हो, हनुमान जी ने कभी अपने कत्र्तव्य से मुँह नहीं मोड़ा। यह हमें सिखाता है कि जीवन में सफलता और संतुष्टि तभी मिलती है जब हम अपने लक्ष्यों, परिवार, और समाज के प्रति निष्ठावान रहते हैं।
हनुमान जी की शक्ति का कोई मुकाबला नहीं था। वे पहाड़ उठा सकते थे, समुद्र लाँघ सकते थे, और राक्षसों की विशाल सेनाओं को परास्त कर सकते थे। लेकिन उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे अपनी शक्ति का कभी अहंकार नहीं करते थे। वे हमेशा नम्र बने रहे और अपनी शक्ति का उपयोग केवल दूसरों की भलाई के लिए किया। हनुमान जी जब वे लंका पहुँचते हैं, तो वे अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के बजाय पहले स्थिति को समझते हैं और फिर उचित कदम उठाते हैं।
नवजीत भारद्वाज जी कहते है कि हनुमान जी का जीवन साहस और आत्मविश्वास की मिसाल है। जब उन्हें लंका जाने का कार्य सौंपा गया, तो शुरू में वे संकोच में थे। लेकिन जामवंत के प्रोत्साहन से उन्होंने अपनी शक्ति को पहचाना और समुद्र को लाँघ कर लंका पहुँच गए। यह घटना हमें सिखाती है कि हमारे अंदर भी अपार संभावनाएँ छिपी हैं, बस हमें अपने आप पर विश्वास करने की जरूरत है। हनुमान जी ने यह भी दिखाया कि साहस का मतलब सिर्फ शारीरिक बल नहीं, बल्कि मन की दृढ़ता भी है।
नवजीत भारद्वाज जी कहते है कि हनुमान जी का जीवन और उनकी शिक्षाएँ एक प्रकाश स्तंभ की तरह हमें सही रास्ता दिखाती हैं। यदि हम उनके इन गुणों को अपने जीवन में अपनाएँ, तो न केवल हमारा जीवन बेहतर होगा, बल्कि हम अपने आसपास के लोगों के लिए भी प्रेरणा बन सकते हैं। हवन यज्ञ के उपरांत मां की आरती एवं लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज,बलजिंदर सिंह, मनमोहन सिंह, अमरेंद्र कुमार शर्मा,समीर कपूर,राकेश प्रभाकर, पूनम प्रभाकर, सरोज बाला,नरेश, सुभाष डोगरा, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,राकेश शर्मा,नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत,डॉ गुप्ता,संजीव शर्मा,मुकेश,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह,दीलीप, लवली,मुकेश, इंदू,विक्रम, सौरभ, शंकर, लक्की,जगदीश, नवीन कुमार,बावा जोशी, निर्मल,अनिल,सागर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार,विनोद ,दुआ,नरेश ,कोमल, कमलजीत, अभिषेक, सौरभ, नरेश,दिक्षित, अनिल, भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
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