World obesity day 2019 Bariatric surgeon dr sanjay borude says why obesity becoming disease
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मोटापा शरीर को देखकर नहीं बल्कि फैट, मसल्स, हड्डी और बॉडी में मौजूद पानी के वजन से जाना जाता है
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डाइट और एक्सरसाइज से मोटापा कंट्रोल न हो पाने पर ही बेरियाट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है
वीकैंड रिपोर्ट, हेल्थ : बढ़ता मोटापा डाइबिटीज, हार्ट डिसीज और कैंसर की वजह ही नहीं बन रहा है बल्कि एक बीमारी के तौर पर बढ़ रहा है। यह एक ऐसी समस्या है जो कई गंभीर रोगों को जन्म दे रही है। दुनियाभर में हर साल 28 लाख मौतें सिर्फ मोटापे के कारण हो रही हैं। इसके मामले युवाओं और बच्चों में तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पिछले 45 सालों में मोटापा बढ़ने की दर 3 गुना हुई है, 2025 तक 27 लाख युवा ओवरवेट हो जाएंगे। आज वर्ल्ड ओबेसिटी डे है। इस मौके पर भास्कर ने जसलोक हॉस्पिटल, मुंबई के कंसल्टेंट बेरियाट्रिक सर्जन डॉ. संजय बोरूडे से जाना कि मोटापा बीमारी क्यों बन रही है…
कैसे जानेंगे कि आप मोटापे का शिकार हो गए हैं? जांचने का कौन सा तरीका सबसे बेहतर है?
- डॉ. संजय बोरूडे : मोटापा यानी शरीर का वजन जरूरत से अधिक होना। यह शरीर की बनावट को देखकर नहीं जांचा जाता। मोटापा कितना है यह तीन तरह से जांचा जाता है। पहले तरीके में शरीर का फैट, मसल्स, हड्डी और बॉडी में मौजूद पानी का वजन जांचा जाता है। दूसरा है बॉडी मास इंडेक्स। तीसरी जांच में कूल्हे और कमर का अनुपात देखा जाता है। ये जांच बताती हैं आप वाकई में मोटे है या नहीं।
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हर साल 28 लाख मौत मोटापे के कारण हो रही हैं, क्या खाना ही सबसे बड़ी बीमारी बनता जा रहा है ?
डॉ. संजय बोरूडे : आमभाषा में कहें तो मोटापा ज्यादातर बीमारियों की मां है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, जॉइंट पेन और कैंसर तक की वजह चर्बी है। फैट जब बढ़ता है तो शरीर के हर हिस्से में बढ़ता है। चर्बी से निकलने वाले हार्मोन नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए शरीर का हर हिस्सा इससे प्रभावित होता है। जैसे- पेन्क्रियाज का फैट डायबिटीज, किडनी का फैट ब्लड प्रेशर, हार्ट से आसपास जमा चर्बी हदय रोगों की वजह बनती है।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 2025 तक 27 लाख युवा ओवरवेट हो जाएंगे, इसे कैसे रोका जा सकता है?
डॉ. संजय बोरूडे : अवेयरनेस, यानी सही जानकारी। हम जितनी कैलोरी खाते हैं और उसे बर्न भी करना है, लोगों को इसकी जानकारी होना जरूरी है। यही मोटापा रोकने में मदद करेगा और ऐसा होता है तो आंकड़ों में कमी आएगी।
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कई स्टडी और सर्वे कह रहे हैं कि बच्चों और सिटिंग जॉब वालों में तेजी से मोटापा बढ़ रहा है, कैसे काबू करें?
डॉ. संजय बोरूडे : बच्चों में मोटापा दो वजहों से बढ़ता है। पहला आनुवांशिक यानी फैमिली हिस्ट्री से मिलने वाला मोटापा। दूसरा, बाहरी कारणों से बढ़ने वाला मोटापा। जैसे ऐसी चीजें ज्यादा खाना जो तला हुआ या अधिक कैलोरी वाला है। जैसे फास्ट और जंक फूड। सिटिंग जॉब वालों में मोटापे का कारण कैलोरी का बर्न न होना है। दिनभर बैठे रहने के कारण वह जितना खाते हैं उससे मिलने वाली एनर्जी का इस्तेमाल नहीं कर पाते, इस कारण चर्बी बढ़ती जाती है।
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मोटापा कम करने के सबसे आसान तरीके कौन से हैं, जिन्हें रोजमर्रा के शेड्यूल में आसानी से अपनाया जा सकता है?
डॉ. संजय बोरूडे : सबसे पहले यह जानना जरूरी है कैलोरी कितनी लेनी चाहिए और इसे कैसे बर्न करना है। इसके लिए शरीर में मूवमेंट होना जरूरी है। रोजाना 30 मिनट की वॉक, सीढ़ी चढ़ना, रात का खाना हल्का लेना और घर के कामों को करके भी मोटापा आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह शरीर के साथ दिमाग के लिए भी नुकसानदेह है।
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वजन कम करने में सबसे बड़ा रोल किसका है, डाइट का, एक्सरसाइज का या अनुशासन का ?
डॉ. संजय बोरूडे : अनुशासन और लाइफस्टाइल। इसके बाद अहम है डाइट क्योंकि आप कितनी कैलोरी का सेवन करते हैं और एक्सरसाइज से इसे कितना बर्न करते हैं। जैसे एक बर्गर खाते हैं तो 450-500 कैलोरी मिलती है वहीं एक घंटे के वर्कआउट से 50 कैलोरी बर्न होती है, इससे समझें कि कितना खाना लेना चाहिए और कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए।
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क्या मीठा खाने से या नॉन-वेजिटेरियन डाइट से मोटापा तेजी से बढ़ता है ?
डॉ. संजय बोरूडे : इंसान का मेटाबॉलिक रेट यानी वह कितनी जल्दी कैलोरी बर्न करता है, यह एक जरूरी फैक्टर है। यह सभी-सभी में अलग होता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनमें आसानी से कैलोरी बर्न नहीं होती। इसलिए मीठी व तली-भुनी चीजें और नॉन-वेजिटेरियन डाइट से दूर रहने की जरूरत है।
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मोटापे से निपटने के लिए खानपान में क्या शामिल करें और क्या खाने से बचें?
डॉ. संजय बोरूडे : खानपान में कैसी चीजें शाामिल करें यह अपनी लाइफस्टाइल के मुताबिक तय करें। अगर फिजिकल वर्क ज्यादा करते हैं तो कैलोरी ज्यादा भी ली है तो बर्न हो जाएगी लेकिन सिटिंग जॉब करते हैं तो हाई कैलोरी फूड से बचने की जरूरत है। नाश्ते में अंकुरित अनाज यानी मूंग, चना और सोयाबीन को अंकुरित खाएं। ऐसा करने से उनमें मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है। मौसमी हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें। अधिक फैट वाला दूध, बटर तथा पनीर लेने से बचें। फास्ट फूड, जंक फूड, कचौरी, समोसे, पिज्जा बर्गर से दूरी बनाएं।
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बेरियाट्रिक सर्जरी किन लोगों के लिए अंतिम विकल्प है या इसे टाला जा सकता है?
डॉ. संजय बोरूडे : जिनका वजन इतना ज्यादा है कि डाइट और एक्सरसाइज से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है, उन्हें बेरियाट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है। या जिनमें मोटापा ही कई बीमारियों की वजह बन रहा है, उनकी बेरियाट्रिक सर्जरी करके खतरा कम किया जा सकता है।
Today is #WorldObesityDay.
Worldwide obesity has nearly tripled since 1975.
Most of the ???’s population live in countries where overweight & obesity kills more people than underweight.
Obesity is PREVENTABLE and TREATABLE.https://t.co/oeuauqWru6 pic.twitter.com/CsFt9ellxQ— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 4, 2020
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