Blurred vision and double vision may cause retinal problems in eyes,
Keep these things in mind to avoid eye retinal problem
वीकैंड रिपोर्ट लाइफस्टेइल : रेटिना हमारी आंख का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह रोशनी के प्रति वह संवेदनशील परत है, जिसे सामान्य तौर पर पर्दा भी कहा जाता है। आंख में प्रवेश करने वाला प्रकाश कॉर्निया और लेंस के माध्यम से गुजरकर रेटिना तक पहुंचता है। तब रेटिना मस्तिष्क को संकेत भेजता है जिससे हम देख पाते हैं। इसका मतलब यही है कि रेटिना के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही से आंखों की दृष्टि कम हो सकती है या फिर अंधापन भी हो सकता है।
कैसे जानें कि रेटिना में समस्या है?
- चमक उठना- अगर आंखों को तिरछा करके देखने या कोनों से देखने पर एक तेज प्रकाश-सा दिखने लगे। हालांकि यह प्रकाश माइग्रेन या आंखों के चोटिल होने पर भी नजर आ सकता है। लेकिन अगर आपको सिरदर्द की समस्या नहीं है और आंखों में चोट भी नहीं लगी है तो यह रेटिना की समस्या हो सकती है।
- धुंधला नजर आना- अगर आंखों के सामने हर वक्त एक पर्दा या परछाई जैसी बनी रहे जो बार-बार आंखें धोने पर भी नहीं जाएं तो यह भी रेटिना की समस्या का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में आंखों से धुंधला दिखने लगता है।
- डबल विजन- अगर आपकी आंखों का रेटिना ठीक नहीं है तो आपको अक्सर किसी एक ही चीज के दो विजन नजर आएंगे। ये दोनों विजन एक-दूसरे को ओवरलैप करते दिखाई देंगे। इसमें जिस चीज को आप देख रहे हैं या जो पढ़ रहे हैं, वह अक्सर धुंधली भी नज़र आने लगती है।
- नंबर का तेजी से बढ़ना- उम्र बढ़ने के साथ चश्मे का नंबर बढ़ना स्वाभाविक है। लेकिन अगर आपके चश्मे का नंबर बहुत तेजी से बढ़ रहा है तो फिर चिंतित होने की जरूरत है। हो सकता है यह रेटिना में किसी समस्या की वजह से हो रहा हो। इसलिए अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर अवगत कराएं।
किन्हें हो सकती हैं ये समस्या?
रेटिना की आम समस्याएं डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के साथ जुड़ी होती हैं। डायबिटीज नेत्र रोग और अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक है। डायबिटीज के मरीजों को न सिर्फ जल्दी मोतियाबिंद होने का खतरा रहता है, बल्कि इनके रेटिना को भी नुकसान होने का अंदेशा रहता है। जो मरीज जितने लंबे समय तक डायबिटीज से पीड़ित रहते हैं, उनमें रेटिना की समस्या होने की आशंका भी उतनी ही ज्यादा होती है। आयु से संबंधित नेत्र रोगों में भी रेटिना की समस्या बहुत सामान्य है। 70 साल की आयु से ऊपर प्रत्येक 20 भारतीयों में से एक की आंखों में रेटिना दोष हो सकता है।
रेटिना को कब हो सकता है नुकसान?
- 1. सूरज को सीधे देखने से- ऐसा करने से रेटिना को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है, इतना गंभीर कि आंखों की रोशनी जा सकती है। इसीलिए विशेष रूप से सूर्यग्रहण के दौरान खुली आंखों से सूरज को नहीं देखने की सलाह दी जाती है।
- 2. धूम्रपान करने से- अध्ययनों और शोधों से यह साबित हो चुका है कि सिगरेट पीना रेटिना के लिए हानिकारक होता है। रेटिना को नुकसान पहुंचने के बावजूद अगर धूम्रपान का सेवन जारी रहता है तो इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
- 3. शुगर लेवल बढ़ने से- अगर रक्त में शुगर का लेवल अचानक से बढ़ जाए तो भी रेटिना को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए खासकर डायबिटीज के मरीजों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए।
रेटिना को कैसे रखें सुरक्षित?
रेटिना का हमारी जीवनशैली से भी सीधा संबंध है। विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर डाइट रेटिना सहित अन्य तमाम तरह के नेत्र रोगों से दूर रखती है। अपनी डाइट में आप खट्टे फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों, पालक, ब्रोकोली, गाजर और नट्स (बादाम, अखरोट) आदि को नियमित रूप से शामिल करें। अगर आप मांसाहारी हैं तो समय-समय पर मछली का सेवन भी आपके रेटिना के लिए फायदेमंद हो सकता है। खानपान के अलावा इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी धूप की सीधी किरण आंखों पर न पड़े। तेज धूप में हमेशा रंगीन चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए। आंखों के हल्के व्यायाम भी नियमित रूप से करने से रेटिना सुरक्षित रहेगा।
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