चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट) : Reservation in Private Jobs : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आज हरियाणा सरकार को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार को झटका देते हुए हरियाणा के निवासियों को प्राइवेट सेक्टर जॉब में 75% आरक्षण के निर्णय पर रोक लगा दी है. हरियाणा सरकार के इस आदेश को फरीदाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए और चुनौती देते हुए इसे रद्द करने की मांग की थी. आज हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी और इस पर सरकार को जवाब दिए जाने के आदेश दे दिए हैं.
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हरियाणा के निवासियों को निजी क्षेत्र की नौकरी में 75% आरक्षण प्रदान करने वाले एक्ट को चुनौती देने वाली दर्जनों याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई 1 फरवरी तक स्थगित कर दी थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा हुआ था कि क्यों न वह सरकार के इस एक्ट पर रोक लगा दे. इस मामले में दायर याचिका में रोजगार अधिनियम 2020 को रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में आशंका जताई कि इस कानून के लागू होने से हरियाणा से इंडस्ट्री का पलायन हो सकता है तथा वास्तविक कौशलयुक्त युवाओं के अधिकारों का हनन है.
Reservation in Private Jobs : याचिका के अनुसार हरियाणा सरकार का यह फैसला योग्यता के साथ अन्याय है. ओपन की जगह आरक्षित क्षेत्र से नौकरी के लिए युवाओं का चयन करना एक प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. सरकार का यह फैसला अधिकार क्षेत्र से बाहर का व सुप्रीमकोर्ट (SC) के कई फैसलों के खिलाफ है, इसलिए इसे रद्द किया जाए. याचिका के अनुसार धरती पुत्र नीति के तहत राज्य हरियाणा सरकार निजी क्षेत्र में आरक्षण दे रही है है, जो नियोक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि निजी क्षेत्र की नौकरियां पूर्ण रूप से योग्यता व कौशल पर आधारित होती हैं. याचिका के अनुसार यह कानून उन युवाओं के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है जो शिक्षा के आधार पर भारत के किसी भी हिस्से में नौकरी करने की योग्यता रखते हैं.
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