नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): पिछले कुछ दिनों में उत्तर भारत के कई राज्यों में मौसम का मिजाज बदला है, खास दिल्ली-NCR और उत्तर प्रदेश में. गर्मी से लोगों को राहत जरूर मिली है लेकिन हर ओर पानी से लोग हलकान भी हो रहे हैं. मंगलवार से रुक-रुककर बारिश हो रही है. जगह-जगह जलजमाव की समस्या पैदा हो गई है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज (शुक्रवार) सुबह अनुमान जताया था कि दिल्ली के नरवाना, कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, सहारनपुर और रूड़की में अगले दो घंटों में हल्की से मध्यम बारिश होगी.
मौसम विभाग ने आज तड़के मुरादाबाद, अमरोहा, चांदपुर, हस्तिनापुर, खतोली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गढ़मुक्तेश्वर, शामली देवबंद, यमुनानगर और बिजनौर में भी आंधी-तूफान के साथ बारिश का अनुमान जताया था. विभाग का कहना है कि 24 अगस्त तक दिल्ली-NCR में बारिश होने की संभावना बनी हुई है. उत्तर भारत के कई राज्यों में रुक-रुककर बारिश होती रहेगी.
बताते चलें कि दिल्ली-NCR में बारिश से लोग बेहाल हो चुके हैं. जगह-जगह सड़कें पानी में डूब चुकी हैं. सड़कों पर पानी भरने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी बनी हुई है. सबसे ज्यादा बुरा हाल दिल्ली से सटे गुरुग्राम का है. वहां सड़कों पर पानी भरने और सड़कें ही धंस जाने की खबरें सामने आ रही हैं. गुरुवार को इफको चौक के पास स्थित मुख्य मार्ग की सड़क धंसने से यातायात बाधित हो गया था.
जानकारों के अनुसार, इस साल अब तक काफी ज्यादा बारिश हो चुकी है. असम, बिहार और उत्तर प्रदेश बाढ़ प्रभावित राज्य हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने से यूपी के 16 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. इन जिलों के 875 गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इनमें से 578 गांवों का संपर्क बाकी क्षेत्रों से कट गया है. प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही शारदा, राप्ती और घाघरा नदियों की बाढ़ से प्रदेश के आम्बेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, पीलीभीत, संतकबीर नगर तथा सीतापुर के 875 गांव प्रभावित हैं. इनमें से 578 गांव टापू से बन गए हैं और उनका संपर्क अन्य स्थानों से पूरी तरह कट गया है.
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