नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : देशभर में कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) को लेकर मारामारी है। कई राज्यों में वैक्सीन (vaccine) की कमी को देखते हुए 18-44 साल के उम्र के लोगों के टीके लगाने वाले सेंटर को बंद कर दिया गया है। केंद्र सरकार (central government) अब हर रोज़ एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बना रही है। जुलाई के दूसरे या तीसरे हफ्ते से ये संभव है। इस योजना को उपयोग में लाने के लिए सरकार हर महीने 30 से 32 करोड़ वैक्सीन प्रोडक्शन (vaccine production) पर ध्यान दे रही है।
आने वाले महीनों में सरकार को कोविशिल्ड और कोवैक्सीन (Covishield and Covaccine) की 25 करोड़ डोज मिल सकती है। इसके अलावा सरकार की नज़र स्पूतनिक वी और दूसरे वैक्सीन पर भी है। आने वाले समय में कुछ और विदेशी वैक्सीन (foreign vaccine) को भी सरकार हरी झंडी दे सकती है। योजना है कि हर टीका केंद्र (vaccine center) पर प्रतिदिन 100 से 150 लोगों को टीका लगाया जाए।
पाइपलाइन में छह कोविड -19 टीके हैं – सीरम इंस्टीट्यूट का कोवोवैक्स, बायोलॉजिकल ई का कॉर्बेवैक्स, ज़ायडस कैडिला का ज़ीकोव-डी, जेनोवा का एमआरएनए वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का बायो ई का संस्करण और भारत बायोटेक का इंट्रानैसल कोविड -19 वैक्सीन। सरकार इस साल देश में वैक्सीन लाने के लिए फाइजर के साथ बातचीत कर रही है। आने वाले वक्त में कोविशिल्ड वैक्सीन को सिंगल शॉट ही रखा जाए इस पर चर्चा चल रही है। ये जानने की कोशिश हो रही है कि क्या सिंगल शॉट ही वायरस से लड़ने में प्रभावी है। जॉनसन एंड जॉनसन, स्पूतनिक लाइट और Covishield वैक्सीन एक ही तरह के प्रोसेस से बने हैं। जॉनसन एंड जॉनसन और स्पूतनिक लाइट सिंगल डोज की ही वैक्सीन हैं।
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