पंजाब कला भवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री चरणजीत चन्नी।
चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट) : पंजाब के मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक राष्ट्र एक भाषा की बात करने वालों को देशद्रोही बताया है। चन्नी चंडीगढ़ में रविवार को पंजाब कला परिषद की ओर से पंजाब कला भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे।
इस दौरान चन्नी ने कहा कि हमारा देश बहुभाषी फूलों का गुलदस्ता है। इसमें कोई फूल तमिल का, कोई पंजाब का और कोई अन्य भाषा का है। जो लोग एक भाषा एक राष्ट्र की बात करते हैं असल में वे देशद्रोही हैं। भारत लोकतांत्रिक देश है यह विभिन्न भाषाओं, धर्मों, रिवाजों और रंग के लोगों से मिलकर बना है। पंजाब सरकार की तरफ से भी कोशिश रहेगी कि सरकारी स्कूलों के साथ निजी में भी पंजाबी भाषा को दसवीं तक मुख्य भाषा के रूप में लागू किया जाए। इसके साथ ही कचहरी के आदेश अंग्रेजी के साथ पंजाबी में दिए जाए जिससे आमजन को सहूलियत हो।
इस दौरान उन्होंने पंजाब कला परिषद के सालाना बजट के लिए 2 करोड़ रुपये देने का एलान किया। उन्होंने उपस्थित लेखकों और प्रस्तुति देने वाले युवा कलाकारों को 50 हजार रुपये सम्मानित राशि देने का एलान भी किया। चन्नी ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से तकनीकी शिक्षा की किताबों का पंजाबी में अनुवाद कर लिया गया है, ताकि पंजाब के विद्यार्थियों के लिए तकनीकी शिक्षा को उनकी मां बोली में पढ़ाकर उनके लिए आसान बनाया जा सके। कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ लेखकों ने भी स्कूलों और कॉलेजों में होने वाली पढ़ाई को विभिन्न राज्यों में उनकी मां बोली में पढ़ाने की मांग को रखा।
कविता के जरिए मां बोली के हालात को किया बयां
पंजाब कला भवन के अध्यक्ष व पद्मश्री कवि सुरजीत पातर ने अपनी कविता के माध्यम से देश में मां बोली के हालात को बयां किया। उन्होंने कहा कि हर समाज में उनकी संस्कृति, भाषा और सभ्याचार को बचाने में लोगों की बहुत बड़ी भूमिका होती है। हमने जहां जन्म लिया है, वहां की बोली पर हमें गर्व होना चाहिए और हमें उस भाषा को आगे बढ़ाने में सहयोग करना चाहिए।
120 वर्ष पुरानी पंजाबी गीतों की कैसेट सुनाई
कार्यक्रम के दौरान पंजाबी प्रेमी गुरमुख सिंह लाली ने दर्शकों को 120 वर्ष पुराने पंजाबी गीतों की कैसेट सुनाई। गुरमुख सिंह ने पुराने पंजाबी कलाकारों के गीतों की कैसेट और रिकॉर्डिंग का संग्रह किया हुआ है। इन्हें कार्यक्रम में विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही 700 से अधिक पंजाबी कवियों और लेखकों की कविताओं और लेखों का संग्रह रखने वाली वेबसाइट चला रहे करमजीत सिंह गठवाला को भी सम्मानित किया गया।
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