
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोट्र): उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 28 फरवरी को दिए आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें हेराल्ड हाउस को खाली करने का निदेज़्श दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एसोसिएटिड जर्नल लिमिटेड की अपील पर भूमि और विकास कार्यालय को नोटिस जारी किया है। इससे पहले एजेएल ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था ताकि नई दिल्ली के आईटीओ में स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करवाने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने से रोका जा सके। 1 मार्च को हाईकोर्ट की दो सदस्यी पीठ ने हेराल्ड हाउस खाली करने के खिलाफ दायर एजेएल की अपील को खारिज कर दिया था। एजेएल ने सिंगल बेंच के 21 दिसंबर के उसे आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें केंद्र सरकार के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद 7 मार्च को केंद सरकार ने एजेएल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 13 मार्च तक जवाब मांगा था। केंद्र ने एजेएल से पूछा था कि दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश जारी क्यों नहीं किया जाना चाहिए? हाईकोर्ट की एकल पीठ ने कहा था कि एजेएल के 99 फीसदी शेयर यंग इंडिया (वाईआई) को ट्रांसफर करने पर उसकी 400 करोड़ से अधिक की संपत्ति भी गोपनीय तरीके से ट्रांसफर हो जाती है। वाईआई में सोनिया और राहुल गांधी शेयरधारक हैं। हाईकोर्ट से एजेएल की याचिका खारिज होने के बाद सरकार ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया था कि सरकार ने हेराल्ड हाउस खाली करने के हाईकोर्ट के आदेश के बाद सार्वजनिक परिसर अधिनियम, 1971 के तहत प्रक्रिया शुरू की है। इसी के तहत एजेएल को नोटिस जारी करते हुए 13 मार्च तक जवाब मांगा गया था।]]>
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