
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- आज पांचवां नवरात्रि है। आज भक्त मां स्कंदमाता की करें पूजा अर्चना करें। स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं, इसलिए इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। इनकी चार भुजाएं हैं। देवी की गोद में भगवान स्कंद बैठे हुए हैं। उनके दाहिने तरफ की नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है, और वह सिंह पर विराजमान हैं। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है। इस दिन केले की खीर, केले से बनी मिठाई या केले का हलवा भी मां को भोग के रूप में अर्पित करने से मां के प्रसन्न होने की मान्यता है। इसके अलावा मां को फल, मिठाई, मिश्री व खीर का भोग लगाया जा सकता है।
मां स्कंदमाता मंत्र:
सरल बीज मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नमः॥
ध्यान मंत्र- सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
स्तुति मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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