
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) – Diwali puja vidhi : दीवाली पर धन की देवी लक्ष्मी और विघ्नहर्ता गणेश की पूजा का विधान है। परंपरा के अनुसार, लक्ष्मी-गणेश की यह पूजा विशेष रूप से निशिता काल में करना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है।
Diwali puja vidhi and Mahurat : 2025 के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त
-प्रदोष काल: शाम 5:50 से रात 8:30 बजे तक।
-स्थिर लग्न: वृषभ लग्न शाम 6:21 से रात 8:30 बजे तक रहेगा
Diwali puja vidhi पूजा से पहले की तैयारी : पूजा स्थल की साफ-सफाई करें, घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाएं। एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इसके बाद चावल रखें और उस पर गणेश जी और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। यदि उपलब्ध हो तो कुबेर और सरस्वती जी की प्रतिमाएं भी स्थापित कर सकते हैं। सभी देवी-देवताओं का आवाहन करें और गंगाजल का छिड़काव करके पूजा का संकल्प लें।
सर्वप्रथम भगवान गणेश का ध्यान करें और उन्हें रोली और चावल तिलक लगाकर पुष्प, दूर्वा/ घास और प्रसाद में लड्डू या मोदक अर्पित करें। माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए आवाहन करें। माँ लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं (यदि संभव हो, अन्यथा जल के छींटे दें)। उन्हें नए वस्त्र, आभूषण, पुष्पमाला और लाल रंग के फूल (जैसे कमल) अर्पित करें।
रोली और चावल से तिलक करें। श्री सूक्त या लक्ष्मी मंत्रों का जाप करें। उन्हें खील, बताशे, मिठाई (केसर भात, खीर आदि) और फल का भोग लगाएं। कुबेर जी, सरस्वती जी और तिजोरी/दुकान की भी विधिपूर्वक पूजा करें।
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