चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि परिवार सिख धारणाओं व कानून के तहत बच्चा अडॉप्ट करता है तो पासपोर्ट के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया को पूरा करने की जरूरत नहीं है।
एक वर्ष तक चले मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने पासपोर्ट अधिकारी को आदेश दिए कि परिवार को निर्धारित समय में बच्चे का पासपोर्ट जारी करे। जालंधर के एक परिवार की दो बहनों में से एक को जुड़वा बच्चियां हुई थीं। एक बच्ची एन.आर.आई. बहन को अडॉप्ट करवा दी, लेकिन पासपोर्ट कार्यालय ने पासपोर्ट बनाने से मना कर दिया था, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय कानून सी.ए.आर.ए. प्रक्रिया पूरी नहीं की थी। परिवार ने वर्ष 2019 में याचिका दाखिल की थी।
इस फैसले से एन.आर.आई. परिवारों को लाभ मिलेगा, जो लंबी अंतर्राष्ट्रीय प्रक्रिया के कारण बच्चा अडॉप्ट नहीं कर पाते थे। एडवोकेट सुखविंद्र नारा अनुसार इंग्लैंड के सिटीजन ने जालंधर से बच्चे को अडॉप्ट किया था। कानूनी लड़ाई के चलते महिला फैसले को लेकर इंतजार करती रही जो अपने आप में भावुक पल है। अब मंत्रालय को पासपोर्ट नियमों में बदलाव करना होगा।
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