तिरुवनंतपुरम (वीकैंड रिपोर्ट) : Israel-Hamas war : अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने इजराइल-हमास संघर्ष पर केंद्र सरकार के रुख की कड़ी आलोचना करते हुए इसे बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही संघर्ष पर भारत का दृष्टिकोण अलग रहता था। कांग्रेस नेता ने मलयालम में एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भारत फलस्तीनी हितों को समर्थन देता था और उनके अधिकारों की वकालत करता था। उन्होंने कहा, हालांकि, जब किसी आक्रामकता या जवाबी हमले की बात आती है तो भारत इसकी कड़ी निंदा करता है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, “दुर्भाग्य से, भारत का मौजूदा रुख युद्ध को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है।”उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर पहले की तरह गरिमा और सम्मान के साथ अपने विचार व्यक्त करने का आग्रह किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने युद्ध में आम लोगों की जान जाने और गाजा में एक अस्पताल पर हमले की भी निंदा की। अस्पताल पर हुए हमले में 500 से अधिक फलस्तीनी मारे गए थे।
वेणुगोपाल ने कहा, “जब निर्दोष और असहाय महिलाएं और बच्चे गोलीबारी में फंस जाते हैं, तो भारत इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाए बिना कैसे खड़ा रह सकता है?” कांग्रेस नेता ने कहा, “इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार का रुख बेहद निराशाजनक है।” उन्होंने कहा कि चाहे इजराइल हो या फलस्तीन, दोनों अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों से बंधे हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि इजराइल में महिलाओं, बच्चों और आम नागरिकों के खिलाफ हमास द्वारा किए गए अत्याचारों को किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा, लेकिन उस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखना भी जरूरी है जिसने उन्हें ऐसी परिस्थितियों तक पहुंचाया।
Israel-Hamas war : कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि कुछ देश इजराइल द्वारा “गाजा को पूरी तरह से खत्म करने के लिए किए जा रहे क्रूर हमले” का समर्थन कर रहे हैं और उन्होंने भारत से इसके पीछे नहीं खड़े होने का आग्रह किया। वेणुगोपाल ने कहा कि इस युद्ध के भयावह परिणामों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल ध्यान देने की मांग है और भारत को शांति लाने और प्रभावितों को राहत प्रदान करने के प्रयासों का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह वह परिपक्व और सम्मानजनक रुख है जिसकी दुनिया भारत से अपेक्षा करती है।”