जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : workshop on Lab Management : डीएवी कॉलेज जालंधर के डा र्विनजू लॉजिकल सोसाइटी और आई क्यू एसी के तत्वावधान में “लैब मैनेजमेंट” पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।“लैब प्रबंधन” पर इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रति भागियों के बीच विज्ञान प्रयोगशाला प्रबंधन, सुरक्षा और हैंडलिंग तकनीकों पर जागरूकता और ज्ञान बढ़ाना है। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार, डीन एकेडमिक्स डॉ. नवजीत शर्मा, को-ऑर्डिनेटर आईक्यूएसी डॉ. दिनेश अरोड़ा, संयोजक आईआईसी प्रो. राजीव पुरी, एचओडी जूलॉजी प्रो. पुनित पुरी, एचओडी के मिस्ट्री प्रो. शीतल अग्रवाल की उपस्थिति रही। .
डॉ. अभिनय ठाकुर (अध्यक्ष, डीजेडएस) ने स्वागत भाषण दिया और सभी अतिथियों का परिचय कराया। उसके बाद, जूलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. पुनित पुरी ने कार्यशाला के विषय पर जानकारी दी और प्रयोगशाला कर्मचारियों को इस तरह के कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में जागरूक किया। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने कॉलेज में इस प्रकार के कार्यक्रम के सहयोग और आयोजन के लिए कॉलेज के विभाग, आईक्यूएसी और आईआईसी की सराहना की और बधाई दी। उन्होंने कहा कि लैब सुरक्षा कार्यशाला किसी भी प्रयोगशाला में प्रैक्टिकल करते समय लैब कर्मचारियों में जागरूकता लाएगी। इसलिए उन्हें जिम्मेदार कर्मचारी बनने के लिए सक्षम बनाना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। जूलॉजी विभाग के शिक्षण स्टाफ डॉ. दीपक वधावन, डॉ. ऋषि कुमार, डॉ. कपिला महाजन और डॉ. सुभम कपिल ने भी इस कार्यशाला में अपनी बहुमूल्य उपस्थिति दिखाई। कार्यक्रम के दौरान दिए गए व्याख्यानों में नमूनों के संरक्षण, उनके रिकॉर्ड के रख रखाव आदि के साथ-साथ प्रयोगशाला सुरक्षा आवश्यकताओं और सुरक्षित प्रथाओं के बारे में जानकारी दी गई।
workshop on Lab Management : डॉ. दीपक वधावन ने लैब स्टाफ को संग्रहालय विज्ञान, माइक्रोस्कोप के उपयोग और सफाई के बारे में बहुत ही स्पष्ट तरीके से जानकारी दी। इंटरैक्टिव सत्र के दौरान, उन्होंने विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मदर्शी के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. ऋषि कुमार ने उपकरणों को स्टरलाइज़ करने की पारंपरिक एवं नई विधियों पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने प्रयोगशाला में आटोक्लेव, सेंट्रीफ्यूज जैसे विभिन्न उपकरणों के उपयोग का प्रदर्शन किया और सुरक्षा उपायों के बारे में बताया। इस कार्यशाला ने प्रतिभागियों को कैज़ुअल लैब प्रबंधन तकनीकों से स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़े जोखिम के बारे में जागरूक किया। इस कार्यशाला के अंत में डॉ. कपिला महाजन ने सभी अतिथियों, आयोजकों, प्रतिभागियों और शिक्षण एवं गैर-शिक्षण स्टाफ सदस्यों को धन्यवाद दिया। कार्यशाला के अंत में प्रत्येक सदस्य को उपस्थिति का प्रमाण पत्र दिया गया।
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