बठिंडा (वीकैंड रिपोर्ट) : Grant for Central University : भारत के युवाओं के बीच उच्च गुणवत्ता युक्त अनुसंधान, नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ते हुए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने दो अत्यधिक प्रतिष्ठित पर्स और आई-टीबीआई योजनाओं के अंतर्गत 12.57 करोड़ रुपये के अनुदान की स्वीकृति हासिल करके एक मील का पत्थर हासिल किया है।
विश्वविद्यालय को हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार पर्स (विश्वविद्यालय अनुसंधान और वैज्ञानिक उत्कृष्टता को बढ़ावा) कार्यक्रम के अंतर्गत 8.82 करोड़ रुपये और आई-टीबीआई (समावेशी प्रौद्योगिकी बिजनेस इनक्यूबेटर) योजना के अंतर्गत 3.75 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत हुआ है।
Grant for Central University : पर्स अनुदान:
पर्स परियोजना के समन्वयक और आर एंड डी सेल की निदेशक प्रोफेसर अंजना मुंशी ने डीएसटी-पर्स अनुदान के बारे में विस्तार से बताते हुए उल्लेख किया कि यह अनुदान राशि मुख्य रूप से स्तन कैंसर के विकास को समझने में हमारे अनुसंधान प्रयासों में सहायता करेगी। इस अनुदान से एलसी-एमएस/एमएस, फ्लो साइटोमेट्री सेल सॉर्टर और फ्लैश क्रोमैटोग्राफी सिस्टम जैसे परिष्कृत उपकरण ख़रीदे जा सकेंगे। प्रोफेसर मुंशी ने इस बात पर जोर दिया कि पर्स अनुदान के सहयोग से स्थापित अनुसंधान अवसंरचना आने वाले वर्षों में पंजाब के मालवा क्षेत्र में स्तन कैंसर के प्रमुख जीनोमिक, ट्रांसक्रिप्टोमिक और मेटाबॉलिक मार्कर की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आई-टीबीआई अनुदान:
प्रो. अंजना मुंशी ने बताया कि आई-टीबीआई अनुदान की मंजूरी से कृषि, पर्यावरण और स्वास्थ्य क्षेत्रों में नवीन विचारों को पोषित करने के लिए एक इन्क्यूबेटर सेंटर की स्थापना का समर्थन की जाएगी। प्रो. मुंशी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस अनुदान का एक हिस्सा खाद्य प्रसंस्करण सुविधा स्थापित करने, 3डी प्रिंटर और अन्य परिष्कृत उपकरण खरीदने के लिए उपयोग किया जाएगा। आई-टीबीआई अनुदान का उद्देश्य युवा उद्यमियों को अपने रचनात्मक विचारों को सार्थक समाधानों में बदलने के लिए सशक्त बनाना है, जिससे देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सके।
Grant for Central University : इस अवसर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रोफेसर तिवारी ने सीयूपीबी को स्वीकृत कुल 12.57 करोड़ रुपये के डीएसटी-पर्स और डीएसटी आई-टीबीआई अनुदान के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह मालवा क्षेत्र की चुनौतियों के अभिनव समाधान खोजने हेतु अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाएं विकसित करने और युवाओं के नवीन विचारों को सफल स्टार्टअप उद्यमों में बदलने हेतु उपयोगी सिद्ध होंगी।
आईक्यूएसी निदेशक प्रोफेसर मोनिशा धीमान ने कहा कि इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त अनुदान धनराशि युवाओं में अनुसंधान, नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मदद करेगी। यह अनुदान हमारे शोधकर्ताओं को समाज की समस्याओं का नवीन समाधान खोजने का अवसर प्रदान करेगा। आगामी महीनों में विश्वविद्यालय एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा जिसका उद्देश्य युवा इनोवेटर्स को अपने रचनात्मक विचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना होगा। शॉर्टलिस्ट किए गए स्टार्ट-अप को आरंभिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
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