नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : Study Visa Rules Changed : देशों में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या में तेजी से इजाफा देखा गया है। जिसके चलते उन्हें आवास कमी जैसे कई मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए ये देश अब स्टडी वीजा और ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट वीजा के लिए सख्त नियम ला रहे हैं। यहां कुछ ऐसे ही देशों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने अपनी इमीग्रेशन पॉलिसी खासकर स्टूडेंट वीजा संबंधी नियमों में बदलाव किए हैं।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों के बीच बेहद पापुलर है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां साल 2022 में कम से कम 1.09 भारतीय छात्र पढ़ रहे थे। यहां पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया पढ़ने के लिए 73808 छात्र गए थे। हालांकि कोविड महामारी के कारण यह संख्या घटकर 2020 में 33629 और 2021 में 8950 हो गई थी।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया सरकार ने घोषणा की है कि अब इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को आईईएलटीएस, टीओईएफएल और डुओलिंगो इंग्लिश टेस्ट जैसे इंग्लिश प्रोफिसिएंसी टेस्ट में हाई स्कोर चाहिए होंगे। अस्थायी वीजा के लिए अब आईईएलटीएस स्कोर 6.0 से बढ़ाकर 6.5 कर दिया गया है। जबकि स्टूडेंट वीजा के लिए इसे 5.5 से बढ़ाकर 6.0 कर दिया गया है। इसके अलावा सभी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को नए जेनुइन स्टूडेंट टेस्ट से भी होकर गुजरना होगा। यह Genuine Temporary Entrant requirement की जगह लेगा। साथ में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने स्टडी वीजा के लिए सेविंग की धनराशि भी बढ़ा दी है। अब स्टूडेंट्स को $24,505 का प्रमाण दिखाना होगा।
यूनाइटेड किंगडम/ब्रिटेन
ब्रिटेन ने हाल ही में इमीग्रेशन एडवाइजरी कमेटी की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर बताया है कि इस देश में हर साल 7.50 लाख से अधिक छात्र इंडिपेंडेंट और लैंग्वेज स्कूलों में हायर सहित अन्य स्टडी के लिए दाखिला लेते हैं। इसके मद्देनजर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इमीग्रेशन कम करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। जिसमें इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को अपना परिवार यूके लाने पर रोक की घोषणा शामिल है। परिवार यूके लाने के लिए उनका पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की पढ़ाई करना जरूरी है। पढ़ाई पूरा होने तक स्टूडेंट वीजा को वर्क वीजा में नहीं बदला जा सकेगा। ब्रिटेन ने वीजा फीस भी बढ़ाकर 51,787 रुपये कर दी है।
कनाडा
कनाडा ऐसा देश है जहां बड़ी संख्या में भारतीय पढ़ने और काम करने, दोनों चीजों के लिए जाते हैं। कनाडा सरकार ने 1 दिसंबर 2023 से पोस्ट सेकेंडरी नॉमिनेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूट को प्रत्येक आवेदक के स्वकृति पत्र को सीधे आईआरसीसी के साथ कन्फर्म करना जरूरी कर दिया है। इसके अलावा 1 जनवरी 2024 से कनाडा में रहने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए न्यूनतम धनराशि 10 हजार कनाडाई डॉलर से बढ़ाकर 20,635 कनाडाई डॉलर कर दी गई है।
फ्रांस
फैशन, कलनरी आर्ट्स, मैनेजमेंट और बिजनेस जैसे फील्ड में करियर बनाने के सपने देखने वाले भारतीय छात्रों के बीच फ्रांस बेहद पापुलर है। नई गाइडलाइन्स के अनुसार यहां की सरकार ने दो वर्षीय पोस्ट स्टडी वीजा को बढ़ाकर अब पांच साल कर दिया है। फ्रांस सरकार ने कहा है कि जिन छात्रों ने मास्टर या उससे ऊपर की पढ़ाई के लिए देश में एक भी सेमेस्टर बिताया है वह अब पांच साल का शॉर्ट अर्म शेंगेन वीजा का लाभ उठा सकता है और नौकरी के अवसर भी तलाश सकता है।
आयरलैंड
आयरलैंड सरकार अब दो साल का पोस्ट स्टडी वीजा देगी। मतलब यह कि मास्टर डिग्री पूरी करने वाले विदेशी छात्र यहां अब दो साल तक रह सकेंगे। जबकि पीएचडी धारक तीन साल तक रह सकते हैं। पहले यह समय सीमा अंडरग्रेजुएट्स के लिए एक साल थी।
इटली
इटली में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्र अब यहां 12 महीने अतिरिक्त रह सकेंगे। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में कुल 5,897 भारतीय छात्र स्टडी वीजा पर इटली में मौजूद थे।
संयुक्त राज्य अमेरिका
विदेश में पढ़ाई करने के इच्छुक भारतीय छात्रों के बीच अमेरिका सबसे लोकप्रिय देशों में से एक है। अमेरिका ने छात्रों के साथ धोखाधड़ी रोकने के लिए साल 2023 में नए नियम की घोषणा की थी। एफ, एम और जे स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को प्रोफाइल बनाते और वीजा अप्वाइंटमेंट शेड्यूल करते समय अपने पासपोर्ट की जानकारी का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं। गलत पासपोर्ट नंबर से वीजा अप्वाइंटमेंट लेने पर वीजा अप्लीकेशन सेंटर रिजेक्ट कर देगा। साथ ही वीजा फीस भी वापस नहीं मिलेगी।
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