नई दिल्लीः LAC पर चीन और भारत के टकराव की स्थिति है. हाल ही में मॉस्को में दोनों देशों के रक्षामंत्रियों के बीच ढाई घंटे की बैठक हुई थी जिसमें गलवान और लद्दाख को लेकर गहन चर्चा हुई थी. मीटिंग के तुरंत बाद ही चीन ने सीमा पर तनाव के हालात के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था और अब ड्रैगन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर दावा किया है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन (Zhao Lijian) ने सोमवार (7 सितंबर) को बयान जारी कर कहा, चीन ने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है जो चीन का ‘दक्षिणी तिब्बत’ इलाका है. लिजिन ने यह बात चीनी अखबार (Global Times newspaper) के हवाले से कही है.
चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से यह बयान अरुणाचल प्रदेश से 5 भारतीय युवकों के लापता होने के बाद आया है. जब लिजिन से अरुणाचल प्रदेश से लापता 5 भारतीयों के बारे में पूछा तो उन्होंने चुप्पी साधी और कहा उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.
चीनी सेना ने किया अपहरण
बता दें कि भारतीय थल सेना (Indian Army) ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लोगों का ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (People’s Liberation Army) के सैनिकों द्वारा कथित तौर पर अपहरण कर लिये जाने का मुद्दा चीनी सेना के समक्ष उठाया है. सेना ने 5 युवकों के अपहरण की जांच के लिए एक पुलिस टीम को मैकमोहन लाइन से सटे सीमावर्ती क्षेत्र में भेजा है. यह लाइन अपर सुबनसिरी जिले को तिब्बत से अलग करती है.
भारतीय रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हर्षवर्धन पांडे (Lieutenant Colonel Harsh Wardhan Pande) ने इस संबंध में कहा है कि, हमने अपने दलों को अलर्ट कर दिया है और वे असैन्य प्रशासन के संपर्क में लगातार बने हुए हैं और अपर सुबनसिरी के एसपी ने बताया कि उनके पास अभी तक लापता होने की शिकायत नहीं आई है.
चीन की और कहा कि हमें संदेह है कि यहां के कुछ लोग आपके साइड क्रॉस हो गए हैं और यदि आप उन्हें वापस सौंप देते हैं तो हम आपके आभारी होंगे.
उन्होंने आगे बताया कि, “इस क्षेत्र में जंगल या पहाड़ों से गुजरने वाली कोई भी रेखा नहीं है, इसलिए वे इधर-उधर घूमते रहते हों और इसी बीच वे वहां चले गए होंगे. यह बहुत ही सामान्य बात है.” इन 5 लापता भारतीय युवकों की पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई है.
अरुणाचल प्रदेश के पांच लोगों के लापता होने की खबर उस वक्त आई है जब भारत ने पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को ध्यान में रखते हुए 3,400 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है. अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी ने इस संबंध में पीएलए सैनिकों द्वारा युवकों के अपहरण की पुष्टि नहीं की है. हालांकि इंडियन आर्मी इस मामले की जांच में जुट चुकी है.
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