
मुंबई (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना वायरस से बचाव के लिये पूरी दुनिया के वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिल पाई है। भारत में भी इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। इस बीच मुंबई से एक अच्छी खबर आई है। यहां 90 साल पुरानी एक दवा पर रिसर्च की जा रही है और कोरोना से फाइट में इसके नतीजे अभी तक अच्छे बताये जा रहे हैं।
मुंबई के परेल स्थित हाफकिन इंस्टीट्यूट में इस दवाई पर रिसर्च की जा रही है। ये वैक्सीन BCG यानी Bacillus Calmette-Guerin है। इस वैक्सीन को बनाने में 1908 से 1921 के बीच 13 साल का वक्त लगा था। फ्रैंच बैक्टीरियालॉजिस्ट अल्बर्ट काल्मेट और कैमिल गुरीन ने मिलकर इसे बनाया था। अब तक BCG का इस्तेमाल टीबी के मरीजों के लिये किया जाता है। लेकिन नतीजे बेहतर रहे तो कोविड 19 के खिलाफ भी ये वैक्सीन बड़ा हथियार बन सकती है। हाफकिन इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता लगातार इस पर काम कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो अब तक की रिसर्च में जो टेस्ट किये गये हैं वो बहुत ही सकारात्मक हैं।
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