
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) – No entry for women journalists at Afghan minister press conference : अफगान विदेश मंत्री द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री नहीं होने का मामला गरमा गया है। इस बारे में विदेश मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप या भूमिका नहीं थी। MEA ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजकों द्वारा तय किया गया था और MEA की कोई भूमिका नहीं थी। पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि जब महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखा गया तो पुरुष पत्रकारों को तुरंत विरोध स्वरूप वॉकआउट करना चाहिए था।
यह प्रेस वार्ता मुत्ताक़ी और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच हुई बैठकों के बाद बुलाई गई थी। इस सम्मेलन में केवल 20 पत्रकारों ने ही भाग लिया। बाद में जारी तस्वीरों में तालिबान के पुरुष नेताओं को केवल पुरुषों के लिए आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिखाया गया है। तालिबान के इस बहिष्कार से पत्रकारों, नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स में आक्रोश फैल गया है। लोगों ने इसे महिलाओं के प्रति घृणा का स्पष्ट मामला और भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार का अपमान बताया है।
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