दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : MCD Unification Bill : दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 विपक्ष की आपत्तियों के बीच शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया गया। यह विधेयक राष्ट्रीय राजधानी के तीन नगर निगमों का विलय करना चाहता है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विधेयक पेश किया, क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह CM योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के लिए उत्तर प्रदेश में हैं। इसका भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने विरोध किया। इनका कहना है कि यह कदम भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा MCD के एकीकरण के बाद दिल्ली की समस्याओं का समाधान होगा।
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हम व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए पैदा हुए हैं। जैसा हमने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर किया था, दिल्ली में भी वैसा ही करेंगे। दिल्ली के एकीकरण से दिल्ली को लाभ होगा। ये विपक्ष वही है, जिसने दिल्ली की बर्बादी की नींव रखी थी। विधेयक के अनुसार, दिल्ली में नगर निगमों के एकीकरण के बाद उनमें सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी और जब तक विलय कानून के तहत निकाय की पहली बैठक आयोजित नहीं होती तब तक इसके कार्य की देखरेख के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि 2011 में तत्कालीन दिल्ली नगर निगम का विभाजन क्षेत्रीय डिवीजनों और राजस्व सृजन क्षमता के मामले में असमान था।
MCD Unification Bill : विधेयक में प्रस्ताव है कि विलय की गई निकाय में पार्षदों और अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या का निर्धारण केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से करेगी। बिल में कहा गया है निगम की स्थापना के बाद प्रत्येक जनगणना के पूरा होने पर, सीटों की संख्या उस जनगणना में निर्धारित दिल्ली की जनसंख्या के आधार पर होगी और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी। बिल के प्रावधानों में से एक के अनुसार, विलय किए गए निकाय में सीटों की कुल संख्या किसी भी स्थिति में 250 से अधिक नहीं होगी। वर्तमान में दिल्ली में 3 निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में कुल 272 सीटें हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय के विधेयक को मंजूरी दे दी थी।