
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)– I dont regret trying to throw a shoe at the CJI : चीफ जस्टिस BR गवई पर सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर ने कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा जो मैने किया वो सिर्फ एक्शन का रिएक्शन था। वकील ने बताया कि वह 16 सितंबर को दिए गए मुख्य न्यायाधीश के फैसले से आहत था। जब 71 वर्षीय किशोर को बाहर ले जाया जा रहा था वह चिल्लाए- भारत सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा।
यह घटना मध्य प्रदेश के खजुराहो परिसर में क्षतिग्रस्त विष्णु मूर्ति की पुनर्स्थापना से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई की ‘जाओ और भगवान से पूछो’ वाली विवादास्पद टिप्पणी के लिए कड़ी आलोचना के कुछ सप्ताह बाद हुई। पुलिस अधिकारियों के हवाले से मिली खबरों के अनुसार, किशोर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पंजीकृत सदस्य हैं और दिल्ली के मयूर विहार इलाके में रहते हैं। हालांकि, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया है।
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