नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना वायरस की महामारी के बीच लॉकडाउन में अपने कर्मचारियों और मजदूरों को उनके हाल पर ही छोडऩे की कई खबरें सामने आई हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो अपने कर्मचारी और मजदूरों के लिए हरदम बेहतर करने की सोच रखते हैं। दिल्ली के ऐसे ही एक किसान पप्पन सिंह गहलोत हैं। पप्पन सिंह का दावा है कि लॉकडाउन के कारण उनके खेतों में फंसे मजदूरों को उन्होंने रहने और खाने में कोई कमी नहीं होने दी। अब जब सरकार आवाजाही के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट् शुरू कर रही है तो पूरे एतिहात के साथ वे अपने मजदूरों को उनके गांव भेज रहे हैं।
किसान पप्पन सिंह गहलोत ने अपने 10 मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए फ्लाइट की टिकट बुक कराई है। गुरुवार को वे दिल्ली से पटना के लिए इंडिगो विमान से रवाना हो गए। बताया जा रहा है कि इसके लिए किसान गहलोत ने करीब 68 हजार रुपये खचज़् किए हैं। दिल्ली से प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक उत्तरी दिल्ली के तिगीपुर गांव में किसानी करने वाले पप्पन सिंह गहलोत ने अपने दस मजदूरों को फ्लाइट की टिकट दी है। ताकि वे सुरक्षित अपने गांव पहुंच सकें। खबर के मुताबिक लॉकडाउन से पहले वे मशरूम की खेती के लिए आए थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण करीब 2 महीने से वे यहीं फंसे हुए थे।
खबर के मुताबिक पप्पन सिंह गहलोत ने बताया कि पहले विशेष श्रमिक एक्सप्रेस की सीट के लिए सरकारी पोर्टल पर 10 मजदूरों ने अपना पंजीकरण कराया, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने देखा कि लाखों श्रमिक ट्रेन में जाने के लिए चिलचिलाती धूप में लाइन लगे हैं। वे अपने मजदूरों को इस हालत में नहीं देख सकते थे। इसलिए अपनी पत्नी, भाई और बेटी के सहयोग से 10 मजदूरों के लिए फ्लाइट की टिकट बुक करा दी।
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