नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर राजधानी दिल्ली में भड़की हिंसा ने 20 लोगों की जान ले ली है। मंगलवार रात तक हालात कितने बेकाबू थे, अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गृह मंत्रालय को देखते ही गोली मारने के आदेश देने पड़े। हालांकि बुधवार सुबह से शांति है। पुलिस के साथ ही अद्र्धसैनिक बलों को लगाया गया है। दिल्ली सरकार ने भी लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।
हिंसाग्रस्त गोकुलपुरी इलाके में दमकल विभाग द्वारा आग बुझाने का काम किया जा रहा है। यहां के एक मार्केट में 24 फरवरी को आग के हवाले कर दिया गया था। इलाके में भारी मात्रा में पुलिसबल तैनात है और उपद्रव के बाद फैली अस्तव्यस्त हुईं चीजों हटाया गया है। शाहीनबाग खाली करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया और सुनवाई 23 मार्च तक के लिए टल गई। इसके बाद शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
पुलिस ने बुधवार सुबह जौहरीपुरा इलाके में फ्लैग मार्च किया। बीते तीन दिनों में यह भारी हिंसा हुई है। पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। इसी तरह बाबरपुरा में भी फ्लैग मार्च किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी में हालात चिंताजनक हैं। पुलिस कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक काबू नहीं कर पाई है। सेना बुलाई जाना चाहिए और हिंसा ग्रस्त अन्य इलाकों में भी कफ्र्यू लगा दिया जाना चाहिए। केजरीवाल ने इस बारे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चि_ी लिखी है।
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