नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): इमरजेंसी में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स ने अगले दो सप्ताह के लिए ओपीडी के माध्यम से जनरल वार्ड में मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है। मिली जानकारी के अनुसार, अभी सिर्फ इमरजेंसी के माध्यम से आने वाले गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कई महीने से ओपीडी बंद होने की वजह से अब एम्स में नए और पुराने मरीजों की संख्या बढ़ी है। बताया जा रहा है कि ज्यादातर मरीज इमरजेंसी में आ रहे हैं। ऐसे में इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
दरअसल, एम्स का मानना है कि अगर ओपीडी के माध्यम से जनरल वार्ड में मरीजों को भर्ती किया गया तो कोरोना काल में गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में यह फैसला किया गया है कि मरीज ओपीडी में तो डॉक्टर से उपचार तो करा सकेंगे लेकिन अगर वे भर्ती होना चाहेंगे तो उन्हें भर्ती की अनुमति नहीं दी जाएगी। जबतक कि उनकी हालत गंभीर न हो। सामान्य मरीजों को अगले आदेश के बाद ही भर्ती किया जा सकेगा।
बता दें कि जून महीने के अंतिम सप्ताह में एम्स की ओपीडी फिर से शुरू कर दी गई थी। ओपीडी में सिर्फ पुराने मरीजों को ही अप्वांटमेंट दी गई था। ओपीडी में आने वाले मरीजों को पहले एक महीने की ही दवा निशुल्क मिलती थी, लेकिन एम्स प्रशासन ने अधिकतम तीन महीने तक की दवा ले जाने का प्रावधान कर दिया है। जरूरतमंद मरीज को डॉक्टर तीन महीने की दवा लिखेंगे और उसे अस्पताल में इतने ही दिन की दवा मिल जाएगी।
वहीं, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) ने अपने डेंटल साइंसेज इंस्टीट्यूट के बीडीएस पाठ्यक्रम के इंटर्न का स्टाइपेंड बढ़ा दिया है। इसकी इंटर्न कई साल से मांग कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने आंदोलन भी किया था। अब इनका स्टाइपेंड बढ़ाकर एमबीबीएस इंटर्न के बराबर 23,500 कर दिया गया है। पहले इन्हें 17,500 रुपये स्टाइपेंड मिलता था। एमएएमसी की निदेशक व प्रधानाचार्य डॉ. संगीता तलवार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक स्टाइपेंड में बढ़ोत्तरी कैबिनेट के निर्णय के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव द्वारा जारी आदेश के आधार पर की गई है। यह बढ़ा हुआ स्टाइपेंड का आदेश एक अगस्त 2019 से लागू होगा। वहीं, इंटर्न सचिन ने बताया कि स्टाइपेंड बढ़ाने के लिए सभी इंटर्न काफी समय से मांग कर रहे थे, जो अब पूरी हुई है। इसके बढ़ने से अब हम अपना खर्च आसानी से चला सकेंगे। इससे पहले कम पैसे में खर्च चलाने में परेशानी आ रही थी।