चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): अनलॉक-4 के बाद से शहर के डिस्कोथेक और नाइट क्लब को खोलने की मंजूरी मिल गई है। शहर के मध्यमार्ग पर एक बार फिर नाइट लाइफ की रौनक लौट आई है। कोरोना महामारी के बीच डिस्कोथेक और नाइट क्लब को कुछ स्पेशल गाइडलाइंस के साथ खोलने की मंजूरी दी गई थी। लेकिन शहर में अधिकतर डिस्कोथेक और नाइट क्लब में इन गाइडलाइंस का पालन नहीं हो रहा है। इसके अलावा युवाओं को कोरोना महामारी के बीच क्लब और डिस्कोथेक में फ्लेवर हुक्का बार के नाम पर निकोटिन की डोज दी जा रही है।
इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पिछले एक हफ्ते में सेक्टर-26 मध्यमार्ग पर स्थित करीब 11 डिस्कोथेक और नाइट क्लब में चल रहे अवैध हुक्का बार पर रेड की। जहां युवाओं को फ्लेवर हुक्का के नाम पर निकोटिन की डोज दी जा रही है। इन सभी 11 हुक्का बार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है।
सीटिंग से ज्यादा गेस्ट्स को एंट्री
डिस्कोथेक और नाइट क्लब में सीटिंग से ज्यादा गेस्ट्स को एंट्री दी जा रही है। अगर किसी डिस्कोथेक या नाइट क्लब में 100 लोगों के बैठने की जगह है, वहां 200 गेस्ट्स की एंट्री की जा रही है। शुक्रवार, शनिवार और रविवार को खासकर शहर के ज्यादातर क्लबों में कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जो गाइडलाइंस जारी की है, उसकी धज्जियां उड़ाई जाती है।
हुक्का पर है पाबंदी, फिर भी चल रहा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक शहर में हुक्का पर पाबंदी लगाई गई। पाबंदी के बावजूद एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से शहर के अाधे से ज्यादा क्लबों में युवाओं को फ्लेवर हुक्का के नाम पर निकाेटिन की डोज दी जा रही है। हुक्का के नाम पर क्लब मालिक काली कमाई कर रहे हैं। एक टाइम का हुक्का का फ्लेवर मात्र 15 से 20 रुपये में मिलता है। लेकिन क्लबों में गेस्ट्स से एक हुक्का का चार्ज 750 रुपये वसूला जाता है। जोकि क्लब संचालकों के सीधा जेब में जाता है। कई क्लबों के पास लिकर लाइसेंस नहीं है। लेकिन हुक्का के शौकीन युवाओं को दो घंटे के लिए हुक्का का 750 रुपये चार्ज कर काली कमाई कर रहे हैं। जिसका कोई हिसाब नहीं है।
लाइव शो पर है फिलहाल पाबंदी
गाइडलाइंस के मुताबिक डिस्कोथेक और नाइट क्लब में किसी भी स्टार नाइट या फिर लाइव शो पर पाबंदी है। लेकिन शहर के कई ऐसे क्लब हैं, जहां अनलॉक-4 के बाद से अब तक कई लाइव शो हो चुके हैं। यहां तक की कई क्लबों में लाइव डांसर शो भी हुए है। जोकि गाइडलाइंस के खिलाफ है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि इन क्लब संचालकों पर प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।
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