बरेली (विशेष संवाददाता) : नवाबगंज नगर पालिका इन दिनों गुंडागर्दी और शराबखाना में तब्दील हो गई है. पूर्व पालिका अध्यक्ष और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष के भाई नरेंद्र सिंह राठौर नगर पालिका को अपनी बपौती समझकर एक अकेली महिला चेयरमैन से मारपीट जैसी कायराना हरकत करने पर आमादा हैं जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त योग्य नहीं है। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए मिशन शक्ति जैसे अभियान चला रहे हैं तो दूसरी तरफ नरेंद्र सिंह राठौर जैसे भाजपा नेता महिलाओं से मारपीट कर गुंडागर्दी का नंगा नाच दिखा रहे हैं। सरकारी अधिकारी भी उनके दबाव में आकर गलत का साथ दे रहे हैं जो लोकतंत्र की हत्या का जीता जागता उदाहरण है।
इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं पुलिस भी पीड़ित को ही प्रताड़ित करने में लगी है। अगर यह रवैया नहीं बदला गया तो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया महिला सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएगी। ये बातें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के महानगर अध्यक्ष डा मोहम्मद खालिद ने शुक्रवार को बरेली स्थित अपने कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।
नवाबगंज के विकास में बाधा हैं राठोर
डा. खालिद ने कहा कि भाजपा नेता और पूर्व पालिका अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राठौर नवाबगंज के विकास में बाधा तो डाल ही रहे हैं, साथ ही अब महिलाओं पर हमले करवाने जैसी ओछी हरकतें कर योगी आदित्य नाथ की महिला सुरक्षा और सम्मान की मुहिम की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से नवाबगंज की पालिका अध्यक्ष शहला ताहिर को भाजपा के पूर्व पालिका अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राठौर परेशान करने में लगे हैं। वह पालिका के कर्मचारियों और अधिकारियों को डरा धमका कर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ भड़का रहे हैं। वह शहला ताहिर से गलत काम करवाना चाहते हैं। जब शहला ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। वहीं एक के बाद एक शहला ताहिर पर झूठे मुकदमे भी दर्ज करवा चुके हैं।
होली और शब ए बरात के मौके शहला और उनकी बेटी शमन ताहिर के साथ मारपीट
डा. खालिद ने हाल ही का एक उदाहरण देते हुए बताया कि होली और शब ए बरात के मौके पर जब शहला ताहिर कर्मचारियों की सैलरी बांटने आई थीं तो नरेंद्र सिंह राठौर ने शहला और उनकी बेटी शमन ताहिर के साथ मारपीट कर उन्हें घायल कर दिया। उन्हें कमरे में बंद करने का प्रयास किया। दोनों मां बेटी ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। जब वह नवाबगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराने गईं तो उनकी फरियाद सुनने की जगह कोतवाल धनंजय सिंह ने उल्टा उन्हीं के खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कर दी। योगी सरकार में महिलाओं पर इस तरह अत्याचार बेहद निंदनीय है। खासतौर पर एक महिला जनप्रतिनिधि चाहे किसी भी पार्टी की क्यों न हो उसका सम्मान होना चाहिए। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। हम जिलाधिकारी नितीश कुमार से यह मांग करते हैं कि अधिकारियों के इस काले कारनामे से शासन और मुख्यमंत्री को अवगत कराएं और इन अधिकारियों के साथ ही नरेंद्र सिंह राठौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। अगर शहला और उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिलता है तो हमारी पार्टी सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होगी।
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