लखनऊ (वीकैंड रिपोर्ट) : Rampur Cartridge Case : रामपुर के चर्चित कारतूस कांड का फैसला आज आ गया है। इस केस की 13 साल सुनवाई चली और नौ गवाहों की गवाही के बाद आखिरकार 24 दोषियों को दस-दस साल की कैद और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रताप सिंह मौर्य ने बताया कि सभी आरोपियों पर सजा समान रुप से चलेगी। 29 अप्रैल साल 2010 के दिन यूपी एसटीएफ ने एक आरोपी को अरेस्ट किया था।
Rampur Cartridge Case : इस दौरान एक डायरी सामने आई जिसमें कई लोगों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे थे। इस डायरी के आधार पर एसटीएफ 25 लोगों को और गिरफ्तार किया। ये सभी पुलिसकर्मी थे जोकि नक्सलियों और आतंकवादियों को कारतूस की सप्लाई किया करते थे। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था। दरअसल पकड़े गए कई सिपाही सीआरपीएफ और पीएससी जैसे सुरक्षा बलों में भी तैनात थे। सीआरपीएफ हवलदार विनोद कुमार और वीनेश कुमार को आर्म्स एक्ट में सात सात-साल की सजा और दस-दस हजार की सजा सुनाई गई है। उल्लेखनीय है कि उसी साल दंतेवा़ड़ा में हुए हमले में कई भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
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