इंदौर (वीकैंड रिपोर्ट): इंदौर में लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा बंदिशें लगाईं गईं है। लोगों को पिछले 40 दिन से ना फल खाने को मिले हंै और ना ही सब्जियां। लोग खासे परेशान हो गए हैं। इनमें से खासतौर से बाहर से आकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट, हॉस्टल में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र छात्राएं हैं। इनमें बाहर से नौकरी करने आए लोग हैं, जिनका परिवार उनके गांवों या दूसरे शहरों में रहता है। 40 दिन के लॉकडाउन से वे आजिज आ चुके हैं और वे कैसे भी करके इंदौर से निकलना चाहते हैं। इन लोागों के सामने खाने-पीने की बड़ी समस्या आ रही है। इनकी जिंदगी दूसरों के भरोसे चल रही है। अब लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए और बढ़ा दिया गया है, जिससे उनके धैर्य का बांध टूट गया है। इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने इंदौर में फंसे लोगों की लिस्ट बनाने के लिए सरकारी वेबसाइट पर जानकारी देने को कहा तो पिछले तीन दिन में 50 हजार से ज्यादा लोगो ने अपनी अर्जी लगा दी।
इंदौर शहर के बाहर फंसे इंदौर वापस आने के इच्छुक लोगों और इंदौर में फंसे बाहर के जिलों के व्यक्तियों की जानकारी एकत्रित करने के लिये कलेक्टर मनीष ने पहल की है। इस विशेष पहल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी जानकारी वेबसाइट http://indore.nic.in पर दर्ज कर सकते हैं। इसी पर लोगों ने बाहर जाने की इच्छा जता दी और तो और बड़ी संख्या में लोग एप्लीकेशन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए। हालांकि ये पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि यह ई-पास के लिये कोई व्यवस्था नहीं है। जानकारी एकत्रित होने के बाद निर्णय लेकर उचित कार्यवाही करने की बात कही गई थी।
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