नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कृषि कानूनों के विरोध में महीनों से आंदोलन कर रहे किसान, गुरुवार को किसान संगठनों के नेतृत्व में देश के कई राज्यों में रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं. आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच कई राज्यों, खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रेल की पटरियों पर किसान आंदोलन करेंगे और ट्रेनों का चक्का रोक देंगे.
सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील स्टेशनों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. वहीं, रेलवे पुलिस फोर्स के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है. राज्यों की पुलिस भी अलर्ट पर है. हापुड़ जंक्शन, गढ़मुक्तेश्वर, धौलानाऔर पिलखुवा रेलवे स्टेशन की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. इन चार रेलवे स्टेशनों के लिए चार मजिस्ट्रेट भी तैमान किए गए हैं.
आज कई राज्यों में रेल सेवाएं प्रभावित रहेंगी. रेल रोको आंदोलन के चलते कुछ संवेदनशील रेलवे रूटों की पहचान की गई है.
दिल्ली-लखनऊ रूट
दिल्ली- रोहतक जींद जाखल भटिंडा लाइन
दिल्ली- पानीपत करनाल अंबाला लाइन
दिल्ली- मुरादाबाद सहारनपुर मेरठ अंबाला
दिल्ली- पलवल- मथुरा- कोटा लाइन
दिल्ली-पलवल – मथुरा- झांसी-लाइन
मुरादाबाद में सहारनपुर की ओर जाने वाली ट्रेनों को रोके जाने की संभावना
रेलवे की ओर से ट्रेनों के रेगुलेशन या फिर टाइम बदले जाने की जानकारी दी गई है-
रेलवे की ओर से फिलहाल ट्रेनों का टाइम या फिर रेगुलेशन स्टेशन अपडेट किया गया है, अभी तक किसी ट्रेन के कैंसल होने की जानकारी नहीं है.
भारतीय किसान यूनियन ने अपील की है कि किसी तरह की कोई हिंसा या परेशानी यात्रियों को नहीं आने दी जाएगी. संगठन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी पूरा ध्यान रखेंगे कि यात्रियों को परेशानी न हो. उन्होंने यह भी कहा कि ‘हम लोगों को पानी, दूध, लस्सी और फल वगैरह देंगे और उन्हें बताएंगे कि हमारी समस्या क्या है.’
It'll begin at 12 pm & go on till 3-4 pm. Trains aren't plying anyway. It'll be done peacefully. We'll provide water, milk, lassi & fruits to people who will be found stranded. We will tell them our issues: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union on farmers' 'rail roko' call today pic.twitter.com/8vKIjDmzQ4
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 18, 2021
सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि रेल रोको आंदोलन पर गृह मंत्रालय की भी नजर है. बुधवार को रेलवे बोर्ड के साथ एक मीटिंग हुई थी, जिसमें तैयारियों की जानकारी दी गई थी. गणतंत्र दिवस को किसान आंदोलन के तहत हुई ट्रैक्टर रैली में हिंसा के बाद सबक लेकर इस आंदोलन के लिए तैयारियां दिखाई दे रही हैं.
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