सूरत (वीकैंड रिपोर्ट): सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ हिंसा को गैर जमानती अपराध बनाया है। साथ ही ऐसा करने वाले को सात साल की सजा हो सकती है। लेकिन इसके बाद भी सुरक्षाकर्मियों पर हमले रूक नहीं रहे है। देश के कई हिस्सों से चिकित्साकर्मियों और पुलिस बल पर हमले की खबरें सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत शहर में सामने आया, जहां लॉकडाउन लागू करा रहे सुरक्षाकमिज़्यों पर लोगों ने हमला किया। सूरत शहर के एक इलाके में मंगलवार सुबह लॉकडाउन लागू कराने की कोशिश कर रहे सुरक्षाकर्मियों पर कुछ स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर पत्थर फेंके। एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
सूरत के पुलिस उपायुक्त आर पी बरोत ने बताया कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस प्रकोप के मद्देनजर डिंडोली इलाके में एक स्थान पर बंद को प्रभावी बनाने के लिए पीसीआर वैन के पहुंचने पर कुछ स्थानीय लोग भड़क गए। बरोत ने कहा कि हमें जब पता चला कि इलाके में लोग घूम रहे हैं और बंद के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं तो हमने वहां एक पीसीआर वैन भेजी। पुलिस ने जब लोगों से घर के भीतर रहने को कहा तो कुछ लोग भड़क गए और उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए।
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