नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): महामारी ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। सरकार की कई घोषणाओं के जरिए गरीब और कमजोर तबकों की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि आपूर्ति की बाधा को कम किया गया लेकिन अभी भी उपभोक्ता मांग को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महामारी से अर्थव्यवस्था प्रभावित किया। मांग बढ़ाने के लिए नए प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मांग को प्रोत्साहन देने के लिए खर्च के लिए अग्रिम में राशि दी जाएगी। इसके लिए सरकार एलटीसी नकद वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू करने जा रही है।
एलटीसी पर नकद वाउचर योजना से सरकारी खजाने पर 5,675 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि सार्वजनिक उपक्रमों और बैंकों को 1,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
एलटीसी के इन नकद वाउचर को गैर खाद्य जीएसटी रेटिड उत्पादों को खरीदने में ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। वित्त मंत्री की जीएसटी काउंसिल की आज बैठक भी होनी है।
देश के 8 उत्तर पूर्वी राज्यों को 200-200 करोड़ रुपए की 15वें वित्त आयोग से आर्थिक मदद दी गई है। वहीं उत्तराखंड, हिमाचल को 450 करोड़ और बाकी राज्यों को 7500 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
केन्द्र ने राज्यों को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त कर्ज की पेशकश भी की है, जिससे वह 12000 करोड़ रुपए तक का पूंजीगत व्यय कर सकेंगे।
सरकार स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत प्रत्येक प्रत्येक कर्मचारी को 10,000 रुपए का एडवांस भी ऑफर कर रही है। यह एडवांस 10 किस्तों में वापस किया जा सकेगा।
इस योजना पर सरकार करीब 4000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। यदि इस योजना का विस्तार राज्य सरकार के कर्मचारियों तक किया जाता है तो फिर खर्च बढ़कर 8000 करोड़ रुपए हो सकता है। बता दें कि कर्मचारियों को यह एडवांस रकम किसी त्योहार पर 31 मार्च 2021 तक ही खर्च करनी होगी।
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