नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कृषि कानूनों (Agricultural laws) पर सरकार और किसान संगठनों के बीच चल रही खींचतान के बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) इन कानूनों की वैधता को लेकर डाली गई याचिकाओं पर अपना आदेश सुनाने वाला है. सितंबर में लाए गए इन कानूनों की वैधता को कोर्ट में चुनौती देते हुए कई याचिकाएं डाली गई हैं, जिनपर सुनवाई हुई है. कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र को कड़ी फटकार भी लगाई थी.
मुद्दे पर प्रधान न्यायाधीश एस बोबडे की बेंच सुनवाई कर रही है. इसमें जस्टिस एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम भी शामिल हैं. उनकी बेंच ने संकेत दिए थे कि इस मुद्दे पर मंगलवार को बेंच आदेश सुना सकती है. सोमवार को बेंच ने इन कानूनों पर रोक लगाने को लेकर सुझाव दिया था और कहा था कि केंद्र ने इस मुद्दे को जिस तरह से हैंडल किया है, कोर्ट उससे ‘बहुत निराश’ है.
बता दें कि सोमवार की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए केंद्र से कहा था कि उसे कोर्ट की ओर से बनाई गई समिति की चर्चा हो जाने तक इन कानूनों को होल्ड करना चाहिए, वर्ना कोर्ट खुद इन कानूनों पर रोक लगा देगा. हालांकि, इसके बाद केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में प्रारंभिक हलफनामा दाखिल किया गया जिसमें कहा गया कि प्रदर्शनकारियों ने यह गलत धारणा दी है कि केंद्र सरकार और संसद ने कभी भी किसी भी समिति द्वारा परामर्श प्रक्रिया या मुद्दों की जांच नहीं की. हलफनामे में कहा गया है कि कानून जल्दबाजी में नहीं बने हैं बल्कि दो दशकों के विचार-विमर्श का परिणाम है.
इसके अलावा, केंद्र ने सोमवार को कोर्ट में यह अपील भी की गई है कि 26 जनवरी को किसान संगठनों की ओर से जो ट्रैक्टर रैली प्रस्तावित है, या किसी भी तरह के मार्च पर रोक लगाई जाए. सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) आज इसपर भी सुनवाई कर सकता है.
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