नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना महामारी के चलते देश में 50 दिन से लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। कामबंदी से भारी संख्या में श्रमिकों को नौकरी गंवानी पड़ी है। एक सर्वे के मुताबिक, लॉकडाउन से 67 फीसदी लोगों की नौकरी चली गई है। ये कुल आबादी का दो-तिहाई हिस्सा है। सर्वे के मुताबिक, शहरी क्षेत्र में 10 में से 8 श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्र में 10 में से 6 मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। वहीं, सबसे दुख की बात है कि लॉकडाउन की वजह से 74 फीसदी लोग जरूरत के हिसाब से कम खाने को मजबूर हैं।
अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सस्टेनेबल इंप्लॉयमेंट ने 10 नागरिक सामाजिक संगठनों के सहयोग से ये सर्वे कराया है। 13 अप्रैल से 9 मई के बीच 4000 लोगों से फोन पर बात करके ये सर्वे किया गया है। इसके तहत आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, यूपी, पश्चिम बंगाल में रोजगार और सरकारी योजनाओं के हालात की जानकारी लेने के लिए ये सर्वे हुआ। मंगलवार को इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की गई। इस सर्वे में पता चला है कि करीब 61 फीसदी परिवारों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे एक हफ्ते का राशन खरीद पाएं।
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