नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): आयकर विभाग ने गुरुवार को केरल के थिरुवेला से संबंधित बिलीवर्स ईस्टर्न चर्च की देश भर में 66 संपत्तियों पर छापेमारी करने के बाद लगभग 6 करोड़ रुपये की अस्पष्ट नकदी जब्त की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस तलाशी का कारण अचल संपत्ति के लेन-देन में बेहिसाब भुगतान था।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि “आयकर विभाग ने केरल के तिरुवल्ला के प्रसिद्ध चर्च और उनके विभिन्न ट्रस्टों के संगठन के मामले में 05.11.2020 को तलाशी और जब्ती कार्रवाई की है, जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत धर्मार्थ / धार्मिक ट्रस्ट के रूप में छूट लेते हैं। संगठन चर्च, कई स्कूल और कॉलेजों को भी संचालित करता है, जिसमें एक मेडिकल कॉलेज, देश भर में और केरल में एक अस्पताल शामिल है।”
विज्ञप्ति में आगे कहा गया है, “तलाशी के दौरान लगभग 6 करोड़ रुपये की अज्ञात नकदी मिली है, जिसमें दिल्ली में चर्च पर 3.85 करोड़ रुपये शामिल हैं।”
कार्रवाई केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, चंडीगढ़, पंजाब और तेलंगाना में स्थित 66 परिसरों में की गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि समूह देश भर में पंजीकृत लगभग 30 ट्रस्टों का संचालन करता है, जिनमें से अधिकांश केवल कागज पर मौजूद हैं और लेनदेन के आवास के अलावा बेहिसाब धन के रास्ते के लिए भी इसका उपयोग किया गया है।
केरल के बिलीवर्स ईस्टर्न चर्च पर आयकर विभाग ने हजारों करोड़ रुपए की कर चोरी के आरोप में छापा मारा है. कर चोरी और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के बाद तिरुवल्ला स्थित चर्च पर छापा मारा गया है. आयकर विभाग ने इस चर्च के मुखिया और इसाई धर्म प्रचारक केपी योहानन (KP Yohanan) के घर और ऑफिस पर भी छापा मारा है. इस चर्च पर आरोप लगा है कि वह चैरिटी फंड का इस्तेमाल धार्मिक और निजी कार्यों के लिए कर रहा है.
आयकर विभाग को छापे के विवरण का खुलासा करना बाकी है. एक अनौपचारिक और अपुष्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि छापे के दौरान नकदी और कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं. 18 वर्षों की अवधि में यह आरोप लगाया गया है कि चर्च को विदेशी कोष में INR 1,000 करोड़ से अधिक प्राप्त हुए थे. पारदर्शिता और संदिग्ध हस्तांतरण के कारण चर्च पहले भी विवादित रहा है और तीन गैर-सरकारी संगठनों से विदेशी निधियों को स्वीकार करने से जुड़ा है.
आरोप लगाया गया है कि चर्च के मुखिया केपी योहानन ने गरीबों के नाम पर विदेश से धन इकट्ठा किया और उसका इस्तेमाल रियल एस्टेट क्षेत्र में और अपने निजी इन्वेस्टमेंट में किया. इस बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी ली गई थी जिसके आधार पर यह छापेमारी की कार्यवाही की गई.
बताया जा रहा है कि आईटी विभाग को इस बारे में सूत्रों से कई अहम जानकारी मिली थी. अधिकारियों ने चर्च मुखिया के घर पर खड़ी एक गाड़ी से 57 लाख रुपए और कुछ फोन भी बरामद किए थे.
एक रिपोर्ट के अनुसार छापेमारी अभियान गुरूवार से शुरू हुआ था जो अभी तक केरल समेत देश के कई दूसरे क्षेत्रों में जारी है. अभी तक कई परिसरों से लगभग 8 करोड़ रुपए जब्त किए जा चुके हैं. बताते चले कि 2012 में भी राज्य सरकार ने चर्च मुखिया केपी योहनन के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे.
वहींं इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक केरल के ‘बीलीवर्स ईस्टर्न चर्च’ देशभर में कई पूजास्थलों, विद्यालयों, कॉलेजों तथा केरल में एक मेडिकल कॉलेज और एक अस्पताल को चलाता है. इस चर्च को गरीबों और अनाथों की मदद के लिये विदेश से दान मिलता है, लेकिन असल में इस तरह के टैक्स फ्री फंड का प्रॉपर्टी के में निजी और अन्य अवैध खर्चों के लिये बेहिसाब नकद लेनदेन में इस्तेमाल किया गया था.
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