जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Sawan 2023 : सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इसे श्रावण मास भी हा जाता है। इस माह में शिव जी के भक्त पूरी श्रद्धा-भाव से अपने आराध्य देव की पूजा करते हैं। इस महीने में उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाए, तो शिव जी को बहुत जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है। इस महीने में शिव की विशेष पूजा के साथ सावन के सोमवार का व्रत रखने का भी चलन है। इस बार सावन का पवित्र महीना 4 जुलाई 2023 से शुरू हो रहा है, जो कि 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा। भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 4 के बजाय 8 सावन के सोमवार मिलेंगे। आइए जानते हैं वह कौन से मंदिर हैं जहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं होती है पूरी-
दक्षेश्वर महादेव मंदिर
हरिद्वार के कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर को हिंदू तीर्थ स्थलों में उच्च दर्जा प्राप्त है। यह मंदिर अपनी आस्था और चमत्कार के लिए देश भर में प्रख्यात है। मनाया जाता है कि दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यही कारण है कि सावन के महीने में यहां पर लाखों की संख्या में शिव भक्त दर्शन के लिए आते हैं और महादेव की विशेष पूजा करते हैं।
कैलाश मंदिर
एलोरा में स्थित यह भारत के सबसे बेहतरीन शिव मंदिरों में से एक माना जाता है। इसे एलोरा के कैलाश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में करीब 40 हजार टन वजनी पत्थरों को काटा गया था। यह एलोरा में मौजूद 34 मंदिरों का एक हिस्सा है। यह मंदिर 8वीं शताब्दी में बनाया गया था। सावन में इस मंदिर का दीदार जरूर करें।
अमरनाथ मंदिर
हिमालय की गोद में स्थित अमरनाथ मंदिर को हिंदुओं का सबसे पूजनीय तीर्थ स्थल माना गया है। मान्यता यह है कि बाबा अमरनाथ के दर्शन मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। यहां एक गुफा है जहां प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का निर्माण होता है। यहां बाबा बर्फानी 10 फुट ऊंचे शिवलिंग के रूप में विराजमान होते हैं। सावन के महीने में ही यहां भक्तों की संख्या लाखों में होती है।
Sawan 2023 : मुरुदेश्वर मंदिर
उत्तरी कर्नाटक में स्थित मुरुदेश्वर मंदिर भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह स्थान भगवान शिव की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके आसपास का सुंदर परिदृश्य है। मूर्ति के पास एक 20 मंजिला मंदिर बनाया गया है जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर के पास एक लिफ्ट भी बनाई गई है, जिससे पर्यटक विशाल प्रतिमा के शानदार दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
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केदारनाथ मंदिर
देवनगरी उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक का स्थान प्राप्त है। रुद्रप्रयाग में स्थित यह मंदिर बहुत ही चमत्कारी माना गया है। मान्यता है कि उत्तराखंड में बद्रीनाथ और केदारनाथ दो प्रधान तीर्थ स्थलों के दर्शन से पहले केदारनाथ मंदिर की यात्रा करना जरूरी है। बाबा केदारनाथ के दर्शन से सभी पापों का नाश होता है और मुक्ति प्राप्त होती है। यहां भी सावन के महीने में लाखों की संख्या में शिव भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
लिंगराज मंदिर
आप सावन में लिंगराज मंदिर का भी दर्शन करने का प्लान कर सकते हैं। यह देश के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। यह भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सोमवंसी राजवंश द्वारा किया गया है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए अच्छा समय सावन माना जाता है।
सोमनाथ महादेव मंदिर
गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित सोमनाथ मंदिर को भी 12 ज्योतिर्लिंगों में गिना जाता है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के चमत्कारों का महाभारत, श्रीमद्भगवद्गीता एवं स्कंद पुराण में भी उल्लेख किया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां चंद्रदेव ने भगवान शिव को अपना स्वामी मानकर इसी स्थान पर तपस्या की थी। तब से इस स्थान का नाम सोमनाथ (सोम ‘चंद्र’ नाथ ‘स्वामी’) हो गया। सावन मास में यहां पर भी लाखों की संख्या में शिव भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
Sawan 2023 : बाबा बैद्यनाथ मंदिर
झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ का मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह इकलौता ऐसा शिव मंदिर है जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं। सावन के महीने में लाखों की संख्या में कांवड़िए और शिव-भक्त पवित्र जल भरकर यहां भगवान शिव की पूजा करने के लिए आते हैं।
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