पटियाला (वीकैंड रिपोर्ट): पंजाब में गंभीर बिजली संकट पैदा होने के हालात हैं। राज्य में किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण पावर प्लांटों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। मालगाडि़यों के पंजाब में नहीं चल पाने के कारण कोयले की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इससे राज्य में प्राइवेट थर्मल पावर प्लांट कोयले की कमी के कारण गंभीर स्थिति में फंस गए हैं। ऐसे में आज से इन प्लांटों में विद्युत उत्पादन ठप हो सकता है।
तलवंडी साबो में थर्मल पावर प्लांट के पास महज 4128 मीट्रिक टन कोयला
मानसा के तलवंडी साबो में 1980 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट के पास महज 4128 मीट्रिक टन कोयला ही बचा है। रात को कोयले का यह स्टाक भी खत्म हो जाएगा। प्लांट में बुधवार से बिजली उत्पादन बंद हो जाएगा। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानों के 26 दिन से चल रहे रेल रोको आंदोलन के कारण मालगाडिय़ां बंद होने से कोयले की सप्लाई नहीं हो पाई है। किसान आंदोलन के कारण प्लांट के दो यूनिट पहले ही बंद कर दिए थे। सिर्फ एक यूनिट में बिजली उत्पादन जारी था।
राजपुरा थर्मल प्लांट के पास भी महज 6643 मीट्रिक टन कोयला बचा
पटियाला के राजपुरा थर्मल प्लांट के पास भी 6643 मीट्रिक टन कोयला बचा है जो कभी भी खत्म हो सकता है। इस प्लांट में भी बिजली उत्पादन बंद हो जाएगा। गौरतलब है कि कोयले की कमी के कारण गोइंदवाल साहिब प्लांट से पहले ही बंद है। पावरकाम के स्टेट सेक्टर के रोपड़ थर्मल प्लांट के पास छह दिन के लिए 85 हजार 618 मीट्रिक टन कोयला बचा है।
वहीं, बठिंडा के लहरा मोहब्बत थर्मल में 59 हजार 143 मीट्रिक टन कोयला बचा है जो करीब सवा चार दिन में खत्म हो जाएगा। पावरकाम के पास यह स्टाक भी इसलिए बचा है, क्योंकि स्टेट सेक्टर के इन थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन एक हफ्ते से नहीं किया है।
पंजाब में वर्तमान समय में पावरकाम की अपनी हाइडल जनरेशन से 102 लाख यूनिट और भाखड़ा मैनेजमेंट बोर्ड से से 105 लाख यूनिट बिजली मिल रही है। नेशनल हाइड्रो पावर प्लांटों से 52 लाख यूनिट और नेशनल थर्मल प्लांटों से 147 लाख यूनिट बिजली मिल रही है।
कोयला खत्म, स्थिति चिंताजनक : सीएमडी
पावरकाम के सीएमडी ए वेणु प्रसाद का कहना है कि पंजाब में कोयला खत्म हो चुका है। निजी थर्मल प्लांट पूरी तरह ठप हो गए हैं। बिजली संकट के साथ पावरकाम को वित्तीय संकट का सामना भी करना पड़ रहा है। रेल ट्रैक बंद होने से स्थिति चिंताजनक है।