जालंधर (वीकेंड रिपोर्ट) : कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरे देश में एक बार फिर से डर का माहौल बन गया है. यह वायरस लोगों को अपना शिकार बना रहा है. कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचने के लिए कुछ लोग पेनकिलर्स और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाएं भी ले रह हैं. इस तरह बिना डॉक्टर की सलाह दवाएं लेने से आपकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
- सेल्फ आइसोलेशन में डॉक्टर की सलाह पर मरीज बुखार या सिरदर्द से राहत पाने के लिए पैरासिटामोल और इबुप्रोफेन जैसी दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. आमतौर पर डॉक्टर्स कॉम्बिफ्लेम और फ्लेक्सॉन जैसी दवाओं का सेवन करने को कहते हैं जो पैरासिटामोल और इबुप्रोफेन का ही एक कॉम्बिनेशन है.
- कोरोना में खांसी से राहत पाने के लिए आप डॉक्टर्स की सलाह पर खांसी की दवा या कफ सिरप ले सकते हैं. अगर आपने पैरासिटामोल और इबुप्रोफेन का कॉम्बिनेशन लिया है तो इसके अधिमात्रा से नुकसान हो सकता है. इसके अलावा गले में खराश से राहत के लिए आप शहद और नींबू ले सकते हैं. हल्के गर्म पानी से गरारे कर सकते हैं.
- एंटीबायोटिक दवाओं से कोरोना का इलाज करना सही नहीं है. एंटीबायोटिक्स कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर नहीं हैं. इसके अलावा एंटीबैक्टीरियल हैंड वॉशिज़ भी हाथ या सरफेस पर जमे वायरस को नष्ट करने में कारगर नहीं हैं. इसकी जगह 60% एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर्स का ही प्रयोग करें.
- कोरोना संक्रमण फैलने से बचने के लिए कुछ लोग बिना डॉक्टर्स की सलाह के आयुर्वेदिक या पारंपरिक दवाओं दवाओं का भी इस्तेमाल करने लगते हैं. इन चीजों का अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसलिए ऐसी किसी भी चीज के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से जरूर पुछ लें.
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